Republic Day 2021: शहीद बीएसएफ जवान इसरार के भाई को मिला नियुक्ति पत्र, पिता की आंखें हुई नम
शहीद इसरार खान सीमा सुरक्षा बल की 114 वीं बटालियन खाजूवाला (राजस्थान) में पदस्थापित था। चार अप्रैल 2019 को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में वीर गति को प्राप्त हुए थे। सरकार ने इसरार के परिवार के एक सदस्य को नियोजन देने की घोषणा की थी।
झरिया, जेएनएन। साउथ गोलकडीह नार्थ तिसरा झरिया में रहने वाले मो. आजाद खान का बीएसएफ जवान पुत्र मो. इसरार खान चार अप्रैल 2019 को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गया था। शहीद इसरार खान के भाई इरफान खान को गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंगलवार को शहीद रणधीर वर्मा स्टेडियम धनबाद में आयोजित समारोह में डीसी उमाशंकर सिंह ने नियोजन पत्र दिया। इस दौरान पिता आजाद और भाई इरफान की आंखें इसरार की याद में नम हो गई।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ में हुए थे शहीद
शहीद इसरार खान सीमा सुरक्षा बल की 114 वीं बटालियन खाजूवाला (राजस्थान) में पदस्थापित था। चार अप्रैल 2019 को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में वीर गति को प्राप्त हुए थे। सरकार ने इसरार के शहीद होने के बाद उनके परिवार के एक सदस्य को नियोजन देने की घोषणा की थी। इसी के तहत डीसी उमाशंकर सिंह ने भारत के ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहीद इसरार के भाई इरफान को सरकारी घोषणा के अनुसार लिपिक के पद का नियुक्ति पत्र सम्मान पूर्वक दिया। मौके पर धनबाद जिला प्रशासन के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।
पिता आजाद ने फेरी कर इसरार को पढ़ा लिखाकर बनाया था बीएसएफ जवान
साउथ गोलकडीह के शहीद मो इसरार के पिता कई दशक से झरिया के साउथ गोलकडीह क्षेत्र में रहते आ रहे हैं। वर्षों पूर्व आजाद साइकिल में बिस्कुट व केक की फेरी कर दुकानों में बेचते थे। यही काम कर पिता आजाद ने पुत्र इसरार को पढ़ा-लिखाकर बीएसएफ जवान बनाया था। पिता आजाद पुत्र इसरार के शहीद होने पर से गर्व से कहते हैं कि ऐसा नसीब बहुत कम पिता को मिलता है। भारत मां के चरणों में जाने का नसीब बहुत कम बेटों को मिलता है। इसरार देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया। इससे हम गौरवान्वित हैं।