Deoghar DC ने चुनाव आयोग से बिना शर्त मांगी माफी, पत्र को गोड्डा सांसद ने फेसबुक पर किया साझा; आप भी पढ़ें
Deogahr DC मंजूनाथ भजंत्री की भद पिट गई है। भाजपी की तरफ से सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता की तरह उनपर कार्य करने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे पर पांच एफआइआर दर्ज करवाई। इस मामले में चुनाव आयोग से माफी मांगनी पड़ी है।
जागरण संवाददाता, देवघर। देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ( IAS Officer) की किरकिरी हो रही है। अपने कृत्यों के कारण उन्हें चुनाव आयोग से माफी मांगनी पड़ी है। माफी भी बिना शर्त। उन्होंने गोड्डा के सांसद और भाजपा के फायर ब्रांड नेता निशिकांत दुबे के खिलाफ एक नहीं पांच-पांच प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इस मामले को लेकर झारखंड भाजपा और दुबे ने भजंत्री पर राजनीतिक हमला बोला था। झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता की तरह कार्य करने का आरोप लगाया था। मामला बिगड़ते देख भजंत्री ने चुनाव आयोग से माफी मांगी है। माफीनामा को गोड्डा सांसद ने इंटरनेट मीडिया फेसबुक पर साझा किया है। इसे पढ़कर लोग कुछ प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।
छह महीने बाद दर्ज हुई प्राथमिकी
17 अप्रैल, 2021 को देवघर जिले के मधुपुर विधानसभा का उपचुनाव हुआ था। इस दाैरान भाजपा ने देवघर डीसी पर सत्ताधारी झामुमो के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था। इसी मामले में उपचुनाव के बाद गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ देवघर जिले के विभिन्न थानों में चुनाव अचार संहिता उल्लंघन को लेकर पांच अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुई। इसके खिलाफ भाजपा चुनाव आयोग में पहुंच गई। चुनाव आयोग द्वारा देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। चुनाव आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद द्वारा जारी पत्र के तहत उपायुक्त से दस दिन के अंदर अपना जवाब समर्पित करने को कहा गया था। यह मामला काफी गंभीर बनता जा रहा था। 11 नवंबर को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने आयोग को पत्र भेजकर बिना शर्त माफी मांगी। सांसद डा. निशिकांत दुबे ने उपायुक्त द्वारा आयोग को भेजे स्पष्टीकरण के पत्र को अपने फेसबुक पर साझा किया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी पत्र में कहा गया था कि छह माह बाद क्यों मामला दर्ज किया गया।
उपचुनाव के समय चुनाव आयोग ने डीसी पर की थी कार्रवाई
मधुपुर उपचुनाव के समय देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री पर सत्ताधारी झामुमो के पक्ष में काम करने के आरोप लगे। इसके बाद चुनाव आयोग ने भजंत्री को डीसी पद से हटा दिया। चुनाव बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फिर से भजंत्री को डीसी बना दिया। दोबारा डीसी की कुर्सी मिलने के बाद भजंत्री के तेवर भाजपा के खिलाफ तल्ख हो गए। उनके निर्देश पर गोड्डा सांसद के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की गई।