Jharkhand: राज्यपाल से मिले अनुबंध पर बहाल कालेज शिक्षक, आंध्र और हिमाचल की तर्ज पर मांगी सुविधा
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि निश्चित वेतनमान के अभाव में अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घंटी आधारित व्यवस्था के कारण वर्ष के कई महीनों में अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को बिना मानदेय के ही गुजरा करना पड़ता है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड अनुबंध सहायक प्राध्यापक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से आज मुलाकात कर उन्हें अनुबंध सहायक प्राध्यापकों की समस्या से विस्तार में अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने हिमाचल प्रदेश एवं आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों की तर्ज पर अनुबंध पर कार्यरत सहायक प्राध्यापकों को समायोजित करने की मांग राज्यपाल से की। साथ ही जब तक ये प्रक्रिया सम्पन्न होती है तब तक यूजीसी ग्रेड पे के हिसाब से एक निश्चित वेतनमान देने की मांग भी राज्यपाल से की गई। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि स्थायी सहायक प्राध्यापकों की तरह कार्य लिए किए जाने के बावजूद अनुबंध सहायक प्राध्यापक यूजीसी द्वारा निर्धारित निश्चित वेतनमान से वंचित हैं। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से समान काम का समान वेतन देने की मांग भी की।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि निश्चित वेतनमान के अभाव में अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घंटी आधारित व्यवस्था के कारण वर्ष के कई महीनों में अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को बिना मानदेय के ही गुजरा करना पड़ता है। साथ ही महाविद्यालयों में अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के वेतनमान में घोर विषमता विद्यमान है। राज्यपाल ने अनुबंधकर्मियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनते हुए कहा कि इसका निराकरण जल्द किया जाएगा। उन्होंने इस दिशा में सकारात्मक पहल करने की बात दुहराई।।प्रतिनिधिमंडल में डॉ केके कमलेन्दु, प्रो विनोद कुमार एक्का,डॉ राकेश पांडे, डॉ स्वेता शर्मा एवं अन्य शामिल थे।