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बांसजोड़ा में डेको आउटसोर्सिग बंद, 250 मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट

बांसजोड़ा में कार्यरत डेको आउटसोर्सिग ने काम बंद कर दिया है। 250 मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 08:42 AM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 08:42 AM (IST)
बांसजोड़ा में डेको आउटसोर्सिग बंद, 250 मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट
बांसजोड़ा में डेको आउटसोर्सिग बंद, 250 मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट

संवाद सहयोगी, लोयाबाद: निविदा हासिल करने के बाद काम पूरा किए बगैर ही काम बंद करनेवाली आउटसोर्सिग कंपनियों में अब डेको आउटसोर्सिग भी शामिल हो गई है। मंगलवार को बांसजोड़ा में संचालित साकार मास आउटसोर्सिग का पेटीदार डेको आउटसोर्सिग कंपनी ने अचानक काम बंद कर दिया। प्रोजेक्ट बंद होते ही दीपावली के दिन इस कंपनी में कार्यरत करीब 250 मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। कंपनी प्रबंधन द्वारा यह कहते हुए द्वितीय पाली से काम बंद कर दिया कि बीसीसीएल पेनाल्टी काट रही, जबकि जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है। कंपनी प्रबंधन काम बंद कर अपने वाहनों को खड़ा कर दिया और मशीनों को ले जाने की तैयारी में जुट गई है। इधर, बीसीसीएल की तरफ से कहा जा रहा है कि जितनी जमीन दी गई है उसके हिसाब से भी पूरा काम नहीं किया जा रहा।

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इधर, कंपनी के द्वारा बंदी का घोषणा करते ही दिवाली की खुशी मना रहे मजदूरों के होश उड़ गए। सभी मजदूर कार्यस्थल पर पहुंच गए और कंपनी के फैसले का विरोध करते हुए मशीनों को नहीं ले जाने देने की जिद पर अड़ गये। मजदूरों का कहना है कि उन लोगों के भविष्य का सवाल है, किसी भी कीमत पर मशीनों को यहां से नहीं ले जाने दिया जाएगा। बीसीसीएल और कंपनी प्रबंधन के बीच समस्या उत्पन्न हुई है। कंपनी के जीएम वाईके ¨सह ने कहा कि फिलहाल हमारे पास काम को बंद करना ही एक मात्र रास्ता बच गया था। जब बीसीसीएल के द्वारा पूरी जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी, तब फिर से काम चालू कर दिया जाएगा। तब तक के लिए कंपनी अपनी मशीनें यहां से ले जा रही है। मजदूर मशीन नहीं ले जाने देने पर अड़े हैं। इधर थानेदार अमित कुमार गुप्ता दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाकर शांत कराया। दीवाली पर मजदूरों को मिला बंदी का तोहफा

करीब चार वर्षो से संचालित बांसजोड़ा की आउटसोर्सिग कंपनी में करीब 250 मजदूर काम कर रहे थे। दीपावली की पूर्व संध्या पर कंपनी बंद होने की सूचना से इनके परिवार की खुशियां काफूर हो गई। मजदूरों का कहना है कि दीवाली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाईयां भेज कर खुशी मनाते हैं और कंपनी इस दिन बंदी का तोहफा दिया है।

जून 2014 में शुरू हुई थी परियोजना

बांसजोड़ा कोलियरी प्रबंधन के मुताबिक जून 2014 में बांसजोड़ा में परियोजना शुरू हुई थी। शुरू में साकार मास कंपनी यहां काम शुरू की थी। करीब दो वर्ष तक काम करने के बाद किसी कारणवश साकारमास का काम डेको कंपनी को पेटी दार के रूप में दे दिया है। कंपनी प्रबंधन की बात मानें तो अब तक 60 प्रतिशत जमीन उपलब्ध कराई गई है जबकि सौ प्रतिशत उत्पादन करने का दबाव बनाया जा रहा है, और पेनाल्टी काटी जा रही है। --------------

पेनाल्टी अभी नहीं काटी गई है। काटने की तैयारी चल रही है। 60 प्रतिशत जमीन आउटसोर्सिग कंपनी प्रबंधन को उपलब्ध कराई गई है। 60 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करना था लेकिन कंपनी के द्वारा 50 प्रतिशत भी उत्पादन नहीं किया गया है। आठ साल में 106 लाख टन कोयला निकालना है। जिसमें अब तक करीब 40 लाख टन मात्र कोयले का उत्पादन किया गया है।

एके ¨सह, पीओ


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