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National Girl Child Day 2020: धनबाद में 1000 बेटों पर 896 बेटियां, नवजात लिंगानुपात में तेजी से गिरावट

पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी-पीएनडीटी) का सही से पालन नहीं होना इसकी बड़ी वजह बतायी जा रही है। एक्ट का उल्लंघन हो रहा है।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 09:57 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 09:57 AM (IST)
National Girl Child Day 2020: धनबाद में 1000 बेटों पर 896 बेटियां, नवजात लिंगानुपात में तेजी से गिरावट
National Girl Child Day 2020: धनबाद में 1000 बेटों पर 896 बेटियां, नवजात लिंगानुपात में तेजी से गिरावट

धनबाद, जेएनएन। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के बावजूद बोकारो व धनबाद में नवजात लिंगानुपात तेजी से नीचे गिर रहा है। भारत सरकार की हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम की मानें को धनबाद में एक हजार लड़कों की तुलना में 896 नवजात लड़कियों का जन्म हुआ हैं। यह आंकड़े वित्तीय वर्ष 2019-20 (अगस्त) तक के हैं। वर्ष 2017-18 मे 904 के आसपास था। 

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पीसी-पीएनडीसी एक्ट का नहीं हो रहा पालन

पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी-पीएनडीटी) का सही से पालन नहीं होना इसकी बड़ी वजह बतायी जा रही है। प्लान इंडिया निशीत कुमार सिंह की मानें तो तमाम कोशिशों के बावजूद जिलों में एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। इसके लिए प्रभावी तरीके से कार्यक्रम करने की आवश्यकता है।

छह जिले जहां तेजी से घट रही संख्या

जिला -   लिंगानुपात

कोडरमा -  812

देवघर -    852

हजारीबाग/गढ़वा -  879

गिरिडीह -   886

बोकारो  -  893

धनबाद -  896

जानें पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994

इसका पूरा नाम 'पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियमÓ  1994 (पीसीपीएनडीटी एक्ट) है.  भारत में कन्या भ्रूण हत्या व गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है. इस एक्ट से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. एक्ट के तहत जन्म से पहले शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है. अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले पति-पत्नी, करने वाले डॉक्टर व लैब कर्मी को तीन से पांच वर्ष की सजा और दस से बीस हजार जुर्माना की सजा का प्रावधान है.


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