Jharkhand: शहीद सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा साहिबंगज, पिता बोले-बेटे की शहादत पर गर्व
लॉकडाउन लगने से एक सप्ताह पूर्व मुन्ना घर आए थे। सीआरपीएफ में 2011 में उनकी नौकरी हुई थी। वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़े भाई हरेराम छोटे भाई पवन यादव खेतीबारी करते हैं।
साहिबगंज, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद सीआरपीएफ जवान मुन्ना यादव का पार्थिव शरीर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से मंगलवार को साहिबगंज लाया गया। साहिबगंज के जैप 9 में बने हेलीपैड पर वायु सेना का हेलीकाप्टर दोपहर डेढ़ बजे शहीद का पार्थिव शरीर लेकर उतरा। शव को तिरंगे में लपेट ताबूत के अंदर रखा गया था। जवानों ने सलामी दी। पुष्प गुच्छ अर्पित किया। इसके बाद सभी ने शहीद की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा।
सजे हुए वाहन से पार्थिव शरीर को शहीद के घर महादेवगंज ले जाया गया। पार्थिव शरीर को देख शहीद मुन्ना यादव के पिता भुवनेश्वर यादव रो पड़े। हालांकि तुरंत ही खुद को संभालते हुए कहा-मुझे अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। इस अवसर पर सीआरपीएफ के अधिकारियों के अलावा डीसी वरूण रंजन एसपी राजमहल विधायक अनंत ओझा बोरियो विधायक लोविन हेम्ब्रम बरहेट विधायक के प्रतिनिधि पंकज मिश्र सहित पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे।
नक्सलियों से मुठभेड़ में साहिबगंज का लाल शहीद हो गया। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के मिरतुर थाना क्षेत्र में सोमवार को मुठभेड़ हुई जिसमें सीआरपीएफ के जवान मुन्ना यादव की जान चली गई। मुन्ना सीआरपीएफ की 170वीं बटालियन में कांस्टेबल थे।
इस इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजे) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम रवाना की गई थी। दोपहर करीब दो बजे नक्सलियों से आमना-सामना हो गया। अचानक हुई फायरिंग में साहिबगंज जिले के महादेवगंज निवासी मुन्ना यादव घायल हो गए थे। बाद में उनकी मृत्यु हो गई। एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि मुठभेड़ करीब एक घंटे चली। कई नक्सलियों के भी हताहत होने की सूचना है। यह इलाका अति दुर्गम है। जवान वहीं फंसे हुए हैं। जवानों के लौटने के बाद ही पूरी सूचना मिल पाएगी।
लॉकडाउन लगने से एक सप्ताह पहले आए थे घर
महादेवगंज निवासी भुनेश्वर यादव के पुत्र मुन्ना यादव की शहादत की जानकारी शाम में जिला प्रशासन को दी गई। इसके बाद मुफस्सिल थाना प्रभारी कैलाश प्रसाद के साथ अन्य पुलिसकर्मी शहीद के घर पहुंचे। यह खबर मिलते ही घर में चीख पुकार मच गई। थाना प्रभारी ने परिजनों को सांत्वना दी। कैलाश प्रसाद ने बताया कि शहीद का पाॢथव शरीर मंगलवार को यहां लाया जाएगा तथा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
2011 में हुई थी नौकरी
लॉकडाउन लगने से एक सप्ताह पूर्व मुन्ना घर आए थे। सीआरपीएफ में 2011 में उनकी नौकरी हुई थी। वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़े भाई हरेराम यादव व छोटे भाई पवन यादव खेतीबारी करते हैं। मुन्ना यादव की शादी 2009 में शोभनपुर डेरा की नेताई देवी से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी सोनी कुमारी की उम्र सात साल और बेटे मनीष यादव की दो साल है। मुन्ना यादव की प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय महादेवगंज में हुई। राजस्थान इंटर कॉलेज से मैट्रिक व इंटर किया। हरेराम ने बताया कि लॉकडाउन लगने से एक सप्ताह पूर्व मुन्ना चार दिन की छुट्टी लेकर आए थे और लॉकडाउन लगने से दो दिन पूर्व चले गए।