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Modified Lockdow: ACC प्लांट से होने लगा सीमेंट डिस्पैच, HURL की सिंदरी प्रोजेक्ट निर्माण शुरू करने को मिली मंजूरी

कोरोना प्रकोप व लॉकडाउन फेज दो के लागू किए जाने के बावजूद देश की डिरेल हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए झारखंड सरकार ने भी कदम उठाए हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2020 12:35 PM (IST)
Modified Lockdow: ACC प्लांट से होने लगा सीमेंट डिस्पैच, HURL की सिंदरी प्रोजेक्ट निर्माण शुरू करने को मिली मंजूरी
Modified Lockdow: ACC प्लांट से होने लगा सीमेंट डिस्पैच, HURL की सिंदरी प्रोजेक्ट निर्माण शुरू करने को मिली मंजूरी

धनबाद, जेएनएन। Lockdown 2.0 में उद्योग और व्यवसाय जगत को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थोड़ी छूट देने की घोषणा कर रखी है। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के मद्देनजर धनबाद में भी उद्योगों को चालू करने की कवायद शुरू हो गई है। उपायुक्त अमित कुमार ने हर्ल की सिंदरी इकाई का निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया है। जबकि उत्पादन शुरू करने का आदेश मिलने के बाद एससीसी सिंदरी में मंगलवार को उत्पादन और डिस्पैच का काम शुरू हो गया। दूसरी तरफ छोटे-छोटे कल-कारखानों के मालिक फिलहाल काम शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं। 

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हर्ल में निर्माण कार्य शुरू करने पर बनी सहमति 

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी सिंदरी हर्ल उर्वरक प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। धनबाद के उपायुक्त अमित कुमार ने हर्ल प्रबंधन को लॉकडाउन के निर्धारित शर्तों के अनुपालन के आधार पर उर्वरक प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू करने पर सहमति दी है। उपायुक्त की ओर से एक-दो दिन में प्रशासनिक आदेश जारी किे जाने की संभावना है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन के कारण 22 मार्च से हर्ल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य रुका हुआ है। लॉकडाउन के कारण पूरे देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार रुक सी गई है। लॉकडाउन दो के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सीमित क्षेत्र में निर्माण कार्य शुरु करने की दिशा में पहल की गई है।

उद्योग सचिव, झारखंड सरकार के निर्देश पर उपायुक्त धनबाद ने हर्ल के उर्वरक प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को शुरू करने संबधी मामले की समीक्षा की। हर्ल के अपर महाप्रबंधक एमसी करण ने बताया कि रविवार को उपायुक्त के साथ हर्ल प्रबंधन की उर्वरक प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर मैराथन बातचीत हुई। कहा कि हर्ल प्रबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती उर्वरक प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को फिर से शुरू करना है। लॉकडाउन के निर्धारित शर्तों के आलोक में शारीरिक दूरी, सैनिटाइजर, मास्क का प्रयोग के अलावा र्किमयों की नियमित थर्मल स्क्रीनिंग स्वास्थ्य जांच सहित अन्य शर्तें शामिल हैं। 

सिंदरी में एसीसी कारखाना में उत्पादन व विस्तारीकरण को उपायुक्त ने दी अनुमति

कोरोना प्रकोप व लॉकडाउन फेज दो के लागू किए जाने के बावजूद देश की डिरेल हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए  झारखंड सरकार ने भी कदम उठाए हैं। उपायुक्त धनबाद के निर्देश पर एसीसी कारखाना सिंदरी में सीमेंट का उत्पादन शीध्र शुरु किया जाएगा।  एसीसी सीमेंट के निदेशक प्लांट सुरेश दुबे ने बताया कि सोमवार को अपराह्न में उपायुक्त ने लॉकडाउन की शर्तों के आलोक में एसीसी सीमेंट कारखाना में उत्पादन शुरू करने और विस्तारीकरण प्रोजेक्ट का काम शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। पुराने प्लांट में उत्पादन शुरू करने में दो-तीन दिन लगेगा। लेकिन सीमेंट का डिस्पैच मंगलवार से ही शुरू हो जाएगा। क्योंकि सीमेंट कारखाना से लॉकडाउन शुरु होने के पहले उत्पादित सीमेंट वेयर हाउस में पड़े हैं। कहा कि 22 मार्च से कारखाने का उत्पादन बंद है। लॉकडाउन की सभी शर्तों का पालन किया जाएगा। सीमेंट मजदूरों की नियमित थर्मल स्क्रीङ्क्षनग की जाएगी। मास्क, हैंड सैनिटाइज करना नियमित रूप से चलता रहेगा। बताया कि प्लांट विस्तारीकरण के काम को शुरू करने में चार से पांच दिनों का समय लगेगा। 

उद्योगों को चालू करने में कई तरह की परेशानी : इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स

केंद्र सरकार की गाइड लाइन के आधार पर उद्योगों को चालू करने में काफी परेशानी है। इसलिए उद्योगों को नहीं खोला जा सकता है। यह कहना है हार्ड कोक इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह का। उन्होंने कहा कि धनबाद में वैसे भी उद्योग को बंद करने का आदेश उपायुक्त ने पत्र जारी कर दिया है। उपायुक्त के आदेश पर ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है। गाइडलाइन के तहत श्रमिकों को पूरी तरह से सैनिटाइज करने की व्यवस्था, उसके रहने व खाना-पानी की पूरी व्यवस्था कारखाने के अंदर ही करना है। यहां के श्रमिक आसपास के गांव से आते हैं, जो काम करने के बाद वापस घर जाते है। ऐसे में वह रहना नहीं चाहेंगे। साथ ही, प्रत्येक दिन आने जाने के दौरान अगर वह संक्रमित हो जाते हैं तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा। छोटे छोटे उद्योग संचालकों को समक्ष से अलग परेशानी हो जाएगी। जिले में करीब सौ से अधिक हार्ड कोक उद्योग है। कोयला लोडिंग से लेकर अन्य काम मैनुअल होता है।  कोरोना को लेकर जो गाइड लाइन है उसमें परेशानी है। 


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