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Cyber Fraud : साइबर ठग की संपत्ति देख पुलिस भी हुई हैरान, मां व पत्नी के खातों से भी लाखों का लेनदेन

Cyber Fraud जामताड़ा के हैदर अली ने साइबर ठगी से अकूत संपत्ति बटोरी है। दो साल में वह खाकपति से करोड़पति बन गए। कभी पाई-पाई के लिए मोहताज हैदर अली सिलाई की दुकान चलाता था।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 09:13 PM (IST)
Cyber Fraud : साइबर ठग की संपत्ति देख पुलिस भी हुई हैरान, मां व पत्नी के खातों से भी लाखों का लेनदेन
Cyber Fraud : साइबर ठग की संपत्ति देख पुलिस भी हुई हैरान, मां व पत्नी के खातों से भी लाखों का लेनदेन

जामताड़ा, [प्रमोद चौधरी]। ऑनलाइन फ्रॉड के लिए बदनाम जामताड़ा में साइबर अपराधियों की सूची लंबी है। इनमें एक है हैदरअली। इसका अलग गिरोह है। खास बात यह है कि इसके गिरोह में इसकी पत्नी मां व इसका एक दोस्त शामिल है। साइबर ठगी से इन सबों ने छह साल में अकूत दौलत इकट्ठा कर ली है। हैदर अली और उसके परिजनों के बैैंक खातों में हुआ लाखों का ट्रांजेक्शन देख पुलिस भी हैरान हुई। ये सारी रकम दूसरों से ठग कर इन खातों में जाम की गई है। पिछले 10 महीने से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। लगातार पुलिस दबिश और छापेमारी के बीच पांच दिन पहले हैदर अली ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है।

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जामताड़ा के बुधुडीह कब्रिस्तान टोला निवासी हैदर अली छह साल पहले पाई-पाई के लिए मोहताज था। शहर में ही उसकी छोटी सी सिलाई दुकान थी। 2012 और 2014 में उसने दो बार में बैैंक से छह लाख रुपये का लोन लिया था, लेकिन दोनों ही लोन नहीं चुका पाया था। बाद में 2017 से उसने साइबर ठगी की दुनिया में कदम रखा और लोगों के खातों से माल उड़ाने लगा। इस काम में मां, पत्नी और दोस्त सरफराज उसका सहयोग करते थे। अब वह साइबर ठगी से लाखों की संपत्ति का मालिक बन बैठा है। उसके पास आलीशान घर और महंगे वाहनों के अलावा लाखों का बैैंक बैलेंस भी है। हैदर अली की पत्नी व मां के बैैंक खाते से भी करोड़ों का लेन-देन हुआ है।

10 माह में सात बार छापेमारी, खातों के लेन-देन ने चौंकाया:  साइबर डीएसपी सुमित कुमार, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी सुनील चौधरी ने नवंबर व दिसंबर 2019 में दो बार उसे पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन भनक मिलते ही वह फरार हो जाता था। पिछले 10 माह में सात बार पुलिस उसके घर में छापेमारी कर चुकी है। इस दौरान पुलिस ने उसके घर से पुलिस ने कई बैंक खाते व एटीएम कार्ड जब्त किए। बैंक खातों का जब सत्यापन किया गया तो पुलिस भी दो सालों के अंदर इतनी बड़ी रकम का लेनदेन देखकर दंग हो गई। पता चला है कि उसकी मां आसमां बीबी व पत्नी के नाम के बैंक खातों में दूसरे अकाउंट से लाखों रुपये जमा किए गए थे। इसी के आधार पर केस दर्ज किया गया। इसमें हैदर, उसकी मां व दोस्त नारायणपुर के धर्मपुर निवासी सरफराज को नामजद किया गया। लगातार पुलिस दबिश से परेशान होकर उसने  कोर्ट में सरेंडर किया। उसे न्यायिक हिरासत में जामताड़ा जेल भेज दिया गया है। अब पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

आधा दर्जन बैंकों में खाता : पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2017 से ही हैदर अली और उसके परिजनों के खाते में अवैध लेनदेन शुरू हो गया था। खुद को बैंक अधिकारी बताकर वह लोगों को झांसे में लेने के बाद उनके बैैंक खाते से पैसे उड़ाता था। अभी तक की पुलिसिया जांच में पता चला है कि हैदर, उसकी मां व पत्नी के नाम पर आइडीबीआइ, बंधन, यूनियन, एक्सिस, केनरा आदि बैंकों में खाता हैं। इन खातों में एक करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन वर्ष 2017 के बाद हुआ। उसके दोस्त सरफराज के नाम पर एसबीआइ, यूको व बंधन बैंक के खातों में वर्ष 2018 से लगभग 22 लाख का लेन-देन हुआ। यह सारी राशि दूसरों के खातों से उड़ाई गई है। पुलिस की मानें तो हैदर की मां ने हाल में हाईकोर्ट से जमानत ली है। इससे पहले सरफराज ने जमानत ली थी।

हैदर, उसके साथी व रिश्तेदारों के बैंक खातों से अवैध लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। साइबर अपराध को खत्म करना पुलिस की प्राथमिकता में है। ऐसे गिरोहों के सारे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा रहा है। -अंशुमान कुमार, एसपी, जामताड़ा।


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