Cyber Crime: ऑनलाइन शॉपिंग कर अर्थव्यवस्था पर चोट कर रहे साइबर अपराधी, बिहार के अपराधियों का सनसनीखेज खुलासा
ये लोग बिग बाजार जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में ऑनलाइन खरीददारी करते हुए थोक से माल मंगवाते हैैं। बाद में इन्ही उत्पाद को गांव-कस्बे के खुदरा दुकानदार को कम कीमत पर बेच देते हैं।
धनबाद/ जामताड़ा, जेएनएन। साइबर अपराधी न बल्कि लोगों के बैैंक खाते से रुपये उड़ा रहे हैं, बल्कि इन ठगी के रुपये से वे ऑनलाइन शॉपिंग के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने में जुटे हैैं। इसका खुलासा हाल के दिनों बिहार के पूर्वी चंपारण निवासी सद्दाम व जसिम को ब्रेजा कार के साथ दबोचा था। साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद हुई।
पुलिस पूछताछ में इन अपराधियों ने बताया कि ये लोग बिग बाजार जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में ऑनलाइन खरीददारी करते हुए थोक से माल मंगवाते हैैं। बाद में इन्ही उत्पाद को गांव-कस्बे के खुदरा दुकानदार को कम कीमत में भारी छूट के नाम पर नकद बेचते हैैं। इसका खामियाजा ईमानदार दुकानदार को उठाना पड़ता है। हालांकि, इन उत्पाद को खरीदने वाले गांव देहात के दुकानदार अपना मुनाफा काटकर ग्राहक को बेच देते हैैं।
क्या है मामलाः जामताड़ा साइबर थाना के इंस्पेकटर सह थाना प्रभारी सुनील चौधरी ने साइबर ठग संतोष मंडल की शादी में भाग लेने पहुंचे पूर्वी चंपारण निवासी सद्दाम व जसिम को नारायणपुर थाना के लोहारंगी से गिरफ्तार किया था। जबकि मौके से संतोष समेत उसके तीन सहयोगी भाग गये थे। फरार सभी ठग पुलिस हत्थे चढ़े सद्दाम व जसिम के फर्जी बैंक खातों व ई-वैलेट में साइबर ठगी के रुपये डालते थे। जिसके बाद सद्दाम और जसिम ई वैलेट के जरिए बड़ी-बड़ी ई-कामर्स कंपनियों को ठगी की राशि सीधे ऑन लाइन ट्रांसफर कर थोक में माल मंगाते हुए खुदरा दुकानदारों को गांव-गांव जाकर बेचते हुए नकदी लिया करते थे। इससे उसके धंधे पर किसी को शक नहीं होता था। हालांकि, साइबर पुलिस की माने तो कमाटांड़ में भी ऐसे आधा दर्जन मामले पूर्व में सामने आ चुका है। जिससे चौकस हो चुके अपराधी अपने पड़ोस के बिग बाजार सहित अन्य प्रतिष्ठानों से थोक में समान उठाने से परहेज करते हैैं।
पुलिस कड़ाई के बाद दूसरे राज्यों में जारी रखा अपना धंधाः साइबर ठगी के धंधे पर पुलिस सख्ती की वजह से जिले के साइबर ठगों ने अपने इस धंधे को दूसरे राज्यों के सहयोगियों की मदद से जारी रखा। सहयोगी ऑनलाइन भुगतान ई-वैलेट से कर थोक में दाल, चावल, तेल, जीरा, हल्दी, च्यवनप्रास से लेकर महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स आदि मंगवाते हैैं। इसके बाद गांव देहात के दुकानदारों को कम दाम पर साइबर अपराधी समान उपलब्ध करा देते हैैं। जिससे उनका मुनाफा बढ़ जाता है। साथ ही ग्राहकों को भी कम दाम पर उत्पाद मिलने से इसी तरह के दुकान को लोग पसंद करने लगते हैैं।
गिरफ्तार अपराधियों ने पटना बिग बाजार और तनिष्क से की खरीददारीः पुलिस का मानना है कि इस पर रोक के जरूरी है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां फर्जी ई वैलेट से भुगतान नहीं लें। इसके लिए भुगतान प्रक्रिया का बराबर सत्यापन करते रहें। सद्दाम व जसिम ने बिग बाजार के अलावा एक माह के अंदर पटना के तनिष्क शोरूम व सेंको से तीन लाख रुपये के सोने की खरीदारी की थी। पुलिस दोनों से प्राप्त एटीएम व बैक खातों से अवैध लेनदेन की जांच कर अपराधियों के अन्य लिंर को ढूंढने में जुटी है।