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कोयले के अवैध अवैध खनन से कोलकाता-दिल्ली रेल लाइन को खतरा नहीं

अवैध कोयला उत्खनन से रेलवे लाइन को खतरा नही विनोद कुमार

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 May 2022 09:51 PM (IST)Updated: Fri, 13 May 2022 09:51 PM (IST)
कोयले के अवैध अवैध खनन से कोलकाता-दिल्ली रेल लाइन को खतरा नहीं

कोयले के अवैध अवैध खनन से कोलकाता-दिल्ली रेल लाइन को खतरा नहीं

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गलफरबाड़ी/मुगमा : गलफरबाड़ी स्थित सन्यासी मंदिर के समीप जंगल में हो रहे कोयले के अवैध खनन को लेकर कोलकाता-नई दिल्ली रेल मार्ग को कितना खतरा है। इसकी जांच के लिए शुक्रवार को आसनसोल रेलवे व ईसीएल मुगमा एरिया की सर्वे टीम पहुंची। टीम में शामिल पदाधिकारियों ने गलफरबाड़ी में दो ड्रोन कैमरा उड़ाकर रेल लाइन की स्थिति की जानकारी ली। अधिकारियों ने रेल लाइन के दोनों छोर की जांच की। पाया कि अवैध कोयला खनन से रेल लाइन को कोई खतरा नहीं है।

टीम में आसनसोल रेलवे डिवीजन एईएन-टू के डिवीजनल इंजीनियर विनोद कुमार, सुरक्षा पदाधिकारी (पीडब्लूआइ) पंजारा, खनन पदाधिकारी राजकुमार सिंह, शैलेश कुमार, कापासारा परियोजना के अभिकर्ता पीके सिंह आदि शामिल थे। सबसे पहले सर्वे टीम दोपहर में गलफरबाड़ी के सन्यासी मंदिर के समीप चल रहे अवैध खनन स्थल पर पहुंची। वहां जंगल में हो रहे अवैध खनन को देखा। टीम ने गलफरबाड़ी रेलवे के चार और पांच नंबर गेट के बीच सियारकनाली मैदान से दो ड्रोन कैमरे उड़ाए। एक ड्रोन कैमरे से मुगमा स्टेशन तक और दूसरे ड्रोन कैमरा से चार नंबर रेलवे गेट से आगे तक रेल लाइन का सर्वे किया।

टीम में शामिल अधिकारियों ने यहां लगभग 500 मीटर तक रेल लाइन की जांच की। ट्रेन गुजरने पर रेल लाइन में कंपन हो रही है कि नहीं इसकी भी जांच की। साथ ही रेल लाइन के किनारे कितने दूर तक अवैध उत्खनन स्थल की भी जानकारी ली।

ड्रोन कैमरे से कोयला चोरों ने की अवैध खनन स्थलों को छुपाने की कोशिश :

जब टीम में शामिल अधिकारियों ने सर्वे करने के लिए ड्रोन कैमरे को उड़ाया तो गलफरबाड़ी सन्यासी मंदिर के मांझी बस्ती के समीप जंगल में अवैध उत्खनन कर रहे कोयला चोरों ने कैमरे से अवैध उत्खनन स्थलों को बचाने के लिए मुहानों को ढकने के लिए रखे गए बिचाली में आग लगा दी। उनका प्रयास था कि ड्रोन कैमरे में अवैध उत्खनन स्थल कैद नहीं हो सके।

जांच कर लौटे अधिकारियों ने ईसीएल पदाधिकारियों के साथ की बैठक :

जांच के बाद सभी पदाधिकारी कापासारा आउटसोर्सिंग कार्यालय पहुंचे। वहां आसनसोल रेलवे व ईसीएल मुगमा एरिया के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रेलवे लाइन की सुरक्षा पर घंटों वार्ता की। आसनसोल डिवीजन के एईएन-टू के डिवीजन इंजीनियर विनोद कुमार ने कहा कि रेलवे लाइन को अवैध उत्खनन से कोई खतरा नहीं है। अवैध कोयला उत्खनन स्थल रेल लाइन से 300 मीटर दूर है। वहीं ईसीएल मुगमा एरिया की ओर से रेल लाइन से 300 मीटर आगे तक अवैध उत्खनन स्थल की अच्छे से भराई कराई गई है। इससे वे लोग संतुष्ट दिखे। रेलवे लाइन के किनारे थापरनगर स्टेशन से पहले जहां धसान हुई थी, वहां जोर शोर से काम चल रहा है। उन्होंने ईसीएल मुगमा एरिया के पदाधिकारियों से गलफरबाड़ी में बचे हुए अवैध उत्खनन स्थलों की भराई कराने को कहा।

अवैध उत्खनन जारी :

गलफरबाड़ी ओपी क्षेत्र के सन्यासी मंदिर के मांझी बस्ती के समीप जंगलों में कोयले का अवैध उत्खनन जारी है। ईसीएल मुगमा एरिया के सुरक्षा पदाधिकारी और गलफरबाड़ी ओपी की पुलिस ने अवैध उत्खनन स्थलों की भराई तो की गई, परंतु कई अवैध उत्खनन स्थलों को छोड़ दिया गया है। वहां से अभी भी अवैध उत्खनन जारी है।


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