मानस प्रचार समिति के स्वर्ण जयंती समारोह का हुआ समापन
धनबाद जगजीवन नगर स्थित मानस प्रचार समिति के स्वर्ण जयंती समारोह पर शनिवार को श्रीरामचरित मानस पाठ का समापन किया गया। इस समारोह के अंतिम दिन अनुष्ठान की शुरूआत पंडित देवी प्रसाद पांडेय के सानिध्य में रामचरित मानस का नवाह परायण से किया गया। वहीं संध्या में वाराणसी से आई प्रवचनकर्ता शालिनी त्रिपाठी ने श्रीरामचरित मानस पाठ के दौरान भक्तों को रावण वध की कथा सुनाई।
जासं, धनबाद : जगजीवन नगर स्थित मानस प्रचार समिति के स्वर्ण जयंती समारोह पर शनिवार को श्रीरामचरित मानस पाठ का समापन किया गया। इस समारोह के अंतिम दिन अनुष्ठान की शुरूआत पंडित देवी प्रसाद पांडेय के सानिध्य में रामचरित मानस का नवाह परायण से किया गया। वहीं संध्या में वाराणसी से आई प्रवचनकर्ता शालिनी त्रिपाठी ने श्रीरामचरित मानस पाठ के दौरान भक्तों को रावण वध की कथा सुनाई। कहा कि जामवंत के आदेश से नल-नील दोनों भाइयों ने वानर सेना की सहायता से समुद्र पर पुल बांध दिया। श्रीराम ने श्री रामेश्वर की स्थापना करके भगवान शंकर की पूजा अर्चना की और सेना सहित समुद्र के पार उतर गए। शांति के सारे प्रयास असफल होने पर युद्ध आरंभ हो गया। रावण ने युद्ध के लिए कुंभकर्ण को जगाया। कुंभकर्ण ने भी राम के शरण में जाने की असफल मंत्रणा दी। युद्ध में कुंभकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की। लक्ष्मण ने मेघनाथ से युद्ध करके उसका वध कर दिया। राम और रावण के मध्य घनघोर युद्ध हुआ और अंत में रावण भगवान श्रीराम के हाथों मारा गया। विभीषण को लंका का राज्य सौंप कर राम-सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान पर चढ़कर अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। शनिवार को स्वर्ण जयंती समारोह का अंतिम दिन हवन व दोपहर को नारायण भंडारा का आयोजन किया गया। इस मौके पर समिति के सचिव शिवपूजन तिवारी, बृजमोहन शर्मा, कमलेश्वरी प्रसाद सिन्हा, योगेंद्र मिश्रा, ओमकार पांडेय, गिरीश देव तिवारी, रामजी सिंह, उमेश सिंह, निशांत नारायण, भागवत नारायण लाल, हरिद्वार दुबे आदि लोग मौजूद थे।