इस दिवाली सिर्फ सोना नहीं, पटाखों की कीमतों में भी लगी आग Dhanbad News
दीपावली को लेकर कोयलांचल के बाजारों में रौनक बढ़ गई है। बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमडऩे लगी है। दुकानदार भी ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए सामान उपलब्ध करा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, झरिया: दीपावली को लेकर कोयलांचल के बाजारों में रौनक बढ़ गई है। बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमडऩे लगी है। छोटे-बड़े दुकानदार भी ग्राहकों की पसंद को ध्यान रखते हुए उनकी पसंद की वस्तुएं अपनी दुकानों में रखे हैं। वहीं बच्चे, किशोर व युवा भी पटाखे की खरीदारी में लगे हुए हैं।
हालांकि इस बार सोने-चांदी की कीमतों के साथ पटाखे भी महंगे हुए हैं। बोरापट्टी झरिया के दुकानदार सिकंदर पटाखावाला बताते हैं कि लगभग पांच माह तक शिवकाशी के पटाखा कारखानों को सरकार के आदेश पर बंद कर दिया गया था। इसकी वजह से पटाखों की कीमतों में इस वर्ष लगभग 15 प्रतिशत की उछाल आई है। इसके कारण ग्राहकों को ज्यादा पैसे देकर पटाखे खरीदने पड़ रहे हैं। इस वर्ष कुछ कम पटाखे कोयलांचल में आए हैं। शिवकाशी में ही पटाखों की कीमतों में वृद्धि हुई है। इसका असर दुकानदार व आम लोगों पर पढ़ रहा है।
फिलहाल बढ़ी कीमतों का नहीं दिख रहा असर: दिवाली से पहले ही झरिया की पटाखा दुकानों में लोगो की भीड़ जुटने लगी है। दुकानदारों ने बच्चों को लुभाने के लिए इस वर्ष कई प्रकार के छोटे-छोटे पटाखे बाजार में उतारे हैं। हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार पटाखे की खरीदारी कर रहा है। सबसे अधिक डिमांड सीता-गीता, गणेश अनार व नागिन पटाखों की है। पटाखों की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने के बावजूद लोग दीपावली के पर्व को धूम-धड़ाका से मनाने की तैयारी में लगे हैं। बच्चे ही नहीं, बल्कि नौजवान भी इसकी तैयारी में जुटे हैं। दीपावली में लाखों के पटाखे धुएं में उड़ा दिये जाते हैं। प्रति वर्ष प्रशासन के निर्देंश पर पटाखों की दुकानों को घनी आबादी से दूर रखने की हिदायत दी जाती है। बावजूद इसके शहर में कई जगहों छोटी छोटी दुकानों पर पटाखे की बिक्री खुलेआम होती है। दीपावली के 10 दिन पहले से ही लोगों ने पटाखों की खरीदारी शुरू कर दी है। हर कोई अपने परिचित दुकानदार के यहां इस उम्मीद में पहुंच रहा है, कि वहां सही दरों पर पटाखे मिल जाएंगे।
90 डेसिबल से कम आवाज वाले पटाखे की बिक्री की है अनुमति: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 90 डेसिबल से कम आवाज वाले पटाखों की ही बिक्री की अनुमति दुकानदारों को दी है। चूंकि कोयलांचल में पटाखों की आवक शिवकाशी से होती है, इसलिए यहां भी पटाखों की जांच प्रशासन की ओर से की जाती है। झरिया में पटाखों की कई बड़ी दुकानें हैं। वर्ष 2016 में कम आवाज वाले पटाखों के नाम पर उच्च क्षमता वाले पटाखा बनाने का मामला प्रकाश में आया था। झरिया पुलिस ने कई दुकानों में छापेमारी भी की थी, लेकिन जांच में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया था।
ऊपर कुल्ही झरिया में दुकान लगानेवाले बाबर पटाखावाला ने कहा कि कि सरकार के नियमों का पालन करते हुए कम आवाज के पटाखे बाजार में बेचे जा रहे हैं। वही लोगों में इस बार पटाखों का रंग धीरे धीरे चढ़ा रहा है। दीपावली आने से 10 दिन पहले से ही लोगों में खरीदारी का रंग चढ़ जाता था, पर इस वर्ष वह देखने को अभी तक मिला नहीं है। शिवकाशी के कारखानों को सरकार द्वारा पांच माह तक बंद करने की वजह से भी पटाखें कुछ महंगे हुए हैं। नये पटाखे बच्चों को लुभा रहे हैं।
बच्चों को लुभा रहे रंग-बिरंगी पटाखे: बच्चों को लुभाने के लिए झरिया बाजार की दुकानों में छोटी-छोटी लडि़यां, झिलमिलाती फुलझड़ी, रोशनी, रंग बिरंगे अनार, गणेश अनार आदि हैं।
पटाखे की कीमत
धानी 30-50 रुपये
अनार 80-400
रॉकेट 100-300
आसमानी 100-2000
चॉकलेट बम 30-60 रुपये प्रति पैकेट