भाकपा महासचिव ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में चाहते ऐसा परिणाम
दीपांकर ने कहा कि जनआंदोलन का रास्ता महेंद्र सिंह का भी था। उनके कार्यकाल में हमने देखा कि उन्होंने विकट से विकट परिस्थिति में भी कभी उम्मीद नहीं खोई और उन्हें जनता के ऊपर हमेशा भरोसा रहता था। यही कारण था कि महेंद्र सिंह हमेशा जनता के साथ रहते थे।
संवाद सहयोगी, सरिया (गिरिडीह)। उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर विधानसभा चुनाव में भाकपा ( माले) की कोई चुनावी संभावना नहीं है। लेकिन भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य इन राज्यों के चुनाव परिणाम को लेकर खूब बयानबाजी कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि भाजपा चुनाव हार जाय। उन्होंने कहा है कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं वहां की जनता ने भाजपा को सबक सिखाने का मूड बना लिया है। भाजपा सरकारें जनता के हित में नहीं हैं।
यह कोशिश दारी है कि कैसे भाजपा सरकार से मिले मुक्ति
बगोदर के पूर्व विधायक महेंद्र सिंह के बलिदान दिवस पर रविवार को उनके पैतृक गांव खंभरा में संक्षिप्त संकल्प सभा को संबोधित करते हुए माले के केंद्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि विगत कई साल से लोग कोरोना महामारी झेल रहे हैं। जब से देश में 2014 से मोदी की सरकार आई है, तबसे देश के लोग यह समझ चुके हैं कि पूरे देश के लिए एक जबरदस्त बर्बादी का दौर शुरू हो गया है। अब यह धीरे-धीरे एक बड़ा हादसा साबित हो रहा है। पूरे देश में यह कोशिश जारी है कि जल्द से जल्द इस हादसे से कैसे मुक्ति मिलेगी। अभी देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के लोग यह महसूस कर रहे हैं कि उन्हें भाजपा से मुक्ति मिले और इन राज्यों की जनता ने इन्हें सबक सिखाने का मूड बना लिया है। इसका जीता जागता उदाहरण कोरोना काल में भी 2020 में देश में एक बहुत बड़े आंदोलन की शुरुआत हुई जो किसान आंदोलन के रूप में आगे बढ़ा। इसमें सैकड़ों किसानों को अपनी कुर्बानी देनी पड़ी। अंतत: इस तानाशाह सरकार को इन जनआंदोलन के आगे झुकना पड़ा और तीन कृषि कानून को वापस लेना पड़ा।
महेंद्र सिंह का रास्ता जनआंदोलन था
दीपांकर ने कहा कि जनआंदोलन का रास्ता महेंद्र सिंह का भी था। उनके कार्यकाल में हमने देखा कि उन्होंने विकट से विकट परिस्थिति में भी कभी उम्मीद नहीं खोई और उन्हें जनता के ऊपर हमेशा भरोसा रहता था। यही कारण था कि महेंद्र ¨सह हमेशा जनता के बीच में रहते थे, उनकी पीड़ा को सुनते थे, उनके दर्द को समझते थे। उनसे कुछ सीखते और उनकी पीड़ा को ही जन आंदोलन का रूप देते थे। वह तब तक जनता के साथ खड़े रहते थे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। आंदोलन व संघर्ष के बल पर न्याय दिलाने की कोशिश में लगे रहते थे। बलिदान सभा को अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता माले के जिला सचिव पूरन महतो ने की। राज्य सचिव मनोज भक्त, निरसा से मासस के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी एवं मासस के राज्य सचिव हलधर महतो मुख्य रूप से उपस्थित थे।