गोविंदपुर सीएचसी प्रभारी की कोरोना से माैत के बाद स्वास्थ्य विभाग सकते में, संपर्क में आने वालों की जांच शुरू Dhanbad News
कोरोना वायरस से डॉक्टरों की मरने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) नाराजगी जताई है। प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर एके सिंह और जिला सचिव डॉ सुशील कुमार ने कहा है सरकार की घोषणा के अनुसार मृत डॉक्टरों को 50 लाख मुआवजा दिया जाए।
धनबाद, जेएनएन। गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसएस लाल की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है। मौत के बाद कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि के बाद संपर्क में आने वाले लोगों की ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है। अनुमान जताया जा रहा है कि लगभग 100 लोग उनके संपर्क में आए हैं। इसमें सरकारी अस्पताल सहित निजी अस्पताल भी है। डॉक्टर लाल अपने घर में मृत पाए गए थे, बताया जाता है वह लगातार कमजोरी की शिकायत कर रहे थे। मूल रूप से पटना के रहने वाले डॉक्टर लाल के शव को कोरोना की गाइडलाइन के तहत स्वजनों को सौंपा गया है। शव लेकर परिजन देर रात पटना चले गए थे। वह कतरास में अकेले रह रहे थे।
स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य जगहों पर जांच
डॉक्टर के संपर्क में आने वाले गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी डॉक्टर और कर्मचारियों को जांच कराने को कहा गया है। फिलहाल सभी जांच करवा रहे हैं। अब डॉक्टर लाल कहां कहां निजी प्रैक्टिस करते थे, इसकी भी जानकारी विभाग जुटा रहा है। वहां भी लोगों को जांच करने की अपील की जाएगी।
डॉक्टरों की नहीं फ़िक्र कर रही सरकार : आईएमए
कोरोना वायरस से डॉक्टरों की मरने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) नाराजगी जताई है। प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर एके सिंह और जिला सचिव डॉ सुशील कुमार ने कहा है सरकार की घोषणा के अनुसार मृत डॉक्टरों को 50 लाख मुआवजा दिया जाए। इससे पहले डॉ वेणु चौधरी और डॉ डीके झा की मौत हुई थी, लेकिन अभी तक प्रशासन और सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई है। ऐसे में जान जोखिम में डालकर डॉक्टर महामारी में लोगों की जान बचा रहे हैं। लेकिन डॉक्टर की जान की कोई कीमत नहीं रह गई है। एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर इस बारे में अवगत कराएगा।