पुलिस और विधायक ढुलू में शहमात का खेल जारी, रिमांड आदेश को जिला जज की अदालत में चुनाैती Dhanbad News
11 मई को विधायक ढुलू महतो ने चुपके से धनबाद कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद जेल में हैं। पुलिस अब उन्हें रिमांड पर लेकर गिरफ्तार न कर पाने का कसर मिटाना चाहती है।
धनबाद, जेएनएन। भाजपा के बाहुबली विधायक ढुलू महतो और पुलिस के बीच शहमात का खेल जारी है। विधायक को गिरफ्तार करने में विफल रही धनबाद पुलिस उन्हें जेल से रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है। इसके लिए पुलिस ने धनबाद कोर्ट में अर्जी दी थी। शुक्रवार को कोर्ट ने 24 घंटे के लिए रिमांड पर देने का आदेश भी जारी कर दिया। इस आदेश को स्थगित कराने के लिए विधायक जुट गए हैं। उनके वकील ने जिला जज के कोर्ट में रिमांड आदेश को चुनाैती दी है। विधायक पुलिस रिमांड पर जाने से बचना चाहते हैं। पुलिस अगर रिमांड पर लेकर पूछताछ करती है तो यह विधायक के लिए अपमान की बात होगी।
इन्कार के बाद रिमांड आवेदन स्वीकार
बाघमारा विधायक ढुलू महतो को शुक्रवार को अदालत से बड़ा झटका लगा। जिस मामले में दो दिन पूर्व अदालत ने पुलिस हिरासत में भेजने से इन्कार कर दिया था उसी मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी संगीता की अदालत ने विधायक ढुलू को 24 घंटे की सशर्त पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश जेल प्रशासन को दिया। गुरुवार को बरोरा थाना की पुलिस ने अदालत में आवेदन दाखिल कर विधायक ढुलू महतो को 2 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में देने की प्रार्थना की थी। पुलिस ने अपने आवेदन में कहा था कि पुलिस को अनुसंधान के दौरान कुछ कागजात हाथ लगे हैं जिस के संबंध में विधायक से पूछताछ ज़रूरी है। पूछताछ में कई नए तथ्य आने की प्रबल संभावना है।
विधायक का पूर्व मंत्री ओपी लाल से पंगा
कतरास शहर के प्रियदर्शनी पथ निवासी व पूर्व विधायक ओपी लाल के भतीजा राजीव कुमार श्रीवास्ततव के शिकायत पर 2 मार्च 20 को प्राथमिकी बरोरा थाना मे विधायक ढुल्लू महतो एवं सुभाष सिंह के विरुद्ध दर्ज की गई थी। इस मामले में विधायक के रिमांड पर 27 मई को भी कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने पुलिस के आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दोबारा आवेदन दिया। इस आवेदन को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 24 घंटे के लिए रिमांड पर देने का आदेश जेल प्रशासन को जारी किया। इस आदेश को विधायक के वकील ने चुनाैती दी है। इस पर धनबाद कोर्ट में शनिवार को सुनवाई होगी।
पुलिस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल
झारखंड में भाजपा की सरकार थी तो विधायक ढुलू महतो की तूती बोलती थी। उनके इशारे पर धनबाद पुलिस नाचती थी। विधायक के हर करम-धतकरम को पुलिस का संरक्षण मिलता था। दुष्कर्म की कोशिश जैसे मामले का आरोप लगने के बाद भी पुलिस विधायक को बचाती रही। झारखंड में सरकार बदली तो पुलिस विधायक के पीछे पड़ गई। पहली बार 19 फरवरी, 2020 को पुलिस ने उनके चिटाही स्थित आवास पर छापा मारा। कहा जाता है कि विधायक पिछले दरवाजे से भाग निकले। करीब तीन माह तक धनबाद पुलिस विधायक की तलाश में धनबाद से रांची और देश के दूसरे स्थानों पर छापा मारती रही। विधायक हाथ नहीं लगे। 11 मई को विधायक ने चुपके से धनबाद कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद जेल में हैं। पुलिस अब उन्हें रिमांड पर लेकर गिरफ्तार न कर पाने का कसर मिटाना चाहती है।