CoronaVirus: हर दिन जाते अस्पताल, दिन भर वहीं रहते भी... फिर भी बूस्टर डोज लगवाना पड़ रहा भारी
धनबाद में बूस्टर डोज लगवाने में आम लोग ही नहीं फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर्स भी काफी पीछे हैं। एक ओर टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन की भारी कमी है तो दूसरी ओर बूस्टर डोज के प्रति लोगों में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद में बूस्टर डोज लगवाने में आम लोग ही नहीं, फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर्स भी काफी पीछे हैं। एक ओर टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन की भारी कमी है तो दूसरी ओर बूस्टर डोज के प्रति लोगों में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि अभी तक मात्र 63,503 लोगों ने बूस्टर डोज का टीका लगवाया है, जबकि जिले में 7.50 लाख लोगों को बूस्टर डोज से जोड़ने का मुख्यालय ने लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि इस मामले में सबसे ज्यादा पीछे फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर्स ही हैं। धनबाद में फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर्स की संख्या लगभग 20 हजार है, लेकिन मात्र 10 प्रतिशत यानी दो हजार लोगों ने ही बूस्टर डोज का टीका लिया है।
बूस्टर डोज निशुल्क होने के बावजूद उत्साह नहीं
फ्रंटलाइन वर्कर में पुलिस प्रशासन के अलावा सफाई कर्मी और तमाम प्रशासनिक पदाधिकारी आते हैं, जबकि हेल्थ वर्कर में तमाम सरकारी और निजी अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी शामिल हैं। बूस्टर डोज के लिए इन दोनों वर्ग के लोगों को पहले से ही सरकार की ओर से निशुल्क टीका लगाया जा रहा है, लेकिन टीकाकरण केंद्रों पर इन दोनों वर्ग के लोग नहीं आ रहे हैं। अब आम लोगों के लिए भी टीकाकरण निशुल्क किया गया है, लेकिन जब आम लोग टीकाकरण केंद्र पर पहुंच रहे हैं, तो केंद्रों पर वैक्सीन की कमी बताई जा रही है। जिला टीकाकरण पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया है इस सप्ताह तक टीका आने की संभावना है।
60 प्लस के लाभुकों का टीकाकरण 3 लाख से अधिक हुआ
लगभग 2 वर्षों के बाद धनबाद में बुजुर्गों का टीकाकरण 3 लाख के ऊपर हो गया है। जिले में 3.50 लाख बुजुर्गों को टीकाकरण से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं जिले में वैक्सीन की पहली डोज लगवाने वालों की संख्या लगभग 17 लाख हो गई है। दूसरी डोज भी 12 लाख लोग लगवा चुके हैं। डॉक्टर संजीव बताते हैं कि टीका की पर्याप्त मात्रा आने के बाद स्कूल और कॉलेजों में भी अभियान शुरू किया जाएगा।