गिरोह बनाने के लिए Facebook पर हो रही थी अपराध की पढ़ाई, पुलिस ने चेतावनी देकर छोड़ा Dhanbad News
जांच में यह बात सामने आयी है कि सबसे पहले तेतुलमारी के पड़ोस मोहल्ले के एक व्यक्ति के फेसबुक पर सुजीत गिरोह के लोगों ने यहां के लोगों से बात की थी।
कतरास, जेएनएन। आपराधिक गतिविधियों के कारण कुछ दिनों तक सुर्खियों में रहे सूरज का साथी सुजीत सिन्हा अपना गिरोह बनाकर कतरास कोयलांचल में पांव पसारने की कोशिश कर रहा था। लेकिन फोन और फेसबुक पर हो रहे रहे संवाद पर पुलिस की नजर पड़ गई और गिरोह बनाने की योजना सफल नहीं हुई। शुक्रवार को तेतुलमारी और आसपास के इलाके से आधा दर्जन से अधिक युवकों को पुलिस ने तेतुलमारी थाना लाकर पूछताछ की और चेतावनी देकर छोड़ दिया। इनमें से कई स्व. सूरज के करीबी रह चुका है तथा उससे जुड़े मामले जेल भी जा चुका है।
जांच में यह बात सामने आयी है कि सबसे पहले तेतुलमारी के पड़ोस मोहल्ले के एक व्यक्ति के फेसबुक पर सुजीत गिरोह के लोगों ने यहां के लोगों से बात की थी। इसके बाद निचितपुर टाउनशिप के एक युवक सहित अन्य बात की थी। हालांकि निचितपुर के उस युवक ने पुलिस समक्ष अज्ञात नंबर के से काल रिसीव करने बात कही। उसने सुजीत के लोगों से फिलहाल किसी प्रकार संबंध होने की बात से साफ इन्कार किया। तेतुलमारी के एक अन्य युवक से पुलिस ने पूछताछ की जिससे फेसबुक के माध्यम से सुजीत के लोगों की लेन-देन की बात हुई थी। लेकिन वह रंगदारी की रकम से इन्कार करते व्यापार के पैसे की बात पुलिस को बतायी है।
मालूम हो कि गैंगवार में भोला पांडेय तथा प्रतिद्वंद्वी सुशील श्रीवास्तव की हत्या हुई थी। इसके बाद एक तरफ विकास तो दूसरी ओर अमन, सूरज, सुजीत सुर्खियों में आए। इनका हजारीबाग, रामगढ़ व रांची इलाके में तूती बोल रही थी। सूरज का कतरास कोयालांचल में खौफ था। चार साल पूर्व सूरज के खिलाफ आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारियों से रंगदारी व जानलेवा हमला के कई मामले दर्ज हुए थे। दो साल पूर्व सूरज की मौत की सूचना उसकी मां ने तेतुलमारी पुलिस को दी थी। अब तो वेस्ट मोदीडीह स्थित उसका घर भी टूट चुका है। सुजीत सहित अन्य की आज भी रांची रामगढ़ व हजारीबाग इलाके में तूती बोलती है।