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Congress Dhanbad: झारखंड जितना झामुमो-कांग्रेस का उतना ही भाजपा का भी, केंद्र से बकाया मांगे सभी सांसद व विधायक

झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। झारखंड में एनडीए के 12 सांसद और विधायक चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ नहीं बोल रहा है। डीवीसी का बकाया काटे जाने के विरोध में गुरुवार को रामगढ़ विधायक ममता देवी विधायक ममता देवी ने पत्रकार वार्ता में उक्त बातें कही।

By Sagar SinghEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 05:33 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:33 PM (IST)
Congress Dhanbad: झारखंड जितना झामुमो-कांग्रेस का उतना ही भाजपा का भी, केंद्र से बकाया मांगे सभी सांसद व विधायक
प्रेस वार्ता में दाएं से झरिया विधायक पूर्णिमा सिंह, रामगढ़ विधायक ममता देवी व कांग्रेस जिलाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह।

धनबाद, जेएनएन। केंद्र सरकार ने मनमानी तरीके से डीवीसी का 1417 करोड़ रुपये काटकर आरबीआइ के अकाउंट में जमा करवा दिया। यह बकाया रघुवर सरकार के हिस्से का था। डबल इंजन की सरकार का बकाया झारखंड की मौजूदा सरकार के हिस्से में डाल दिया गया। झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है और झारखंड में एनडीए के 12 सांसद और विधायक चुप्पी साधे हुए हैं। कोई कुछ नहीं बोल रहा है। डीवीसी का बकाया काटे जाने के विरोध में गुरुवार को रामगढ़ की विधायक ममता देवी, झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह और कांग्रेस जिला अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता में यह बात कही।

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ममता देवी ने कहा कि कोविड-19 संकट से प्रदेश जूझ रहा है। अभी हमें फंड की सख्त जरूरत है, ताकि विकास को गति दे सकें। कोष खाली है। केंद्र सरकार झारखंड का बकाया भुगतान तो कर नहीं रही है ऊपर से जो राशि है उसे भी काट ले रहे हैं। डीवीसी का 1417 करोड़ रुपये रहता है तो सरकार स्वास्थ्य उपकरण खरीदने पर और विकास को गति देने पर खर्च करती। केंद्र सरकार पर झारखंड सरकार का 74000 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें जीएसटी का 2982 करोड़, कोल कंपनियों का लगान और अन्य मद में 71 हजार 600 करोड़ बाकी है। इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसपर कोई भी भाजपा सांसद या कार्यकर्ता बोल नहीं रहा है।

रामगढ़ विधायक ने कहा कि भाजपा के किसी भी सांसद या विधायक ने झारखंड हित की रक्षा के लिए केंद्र को एक भी पत्र नहीं लिखा। राज्य के सभी सांसदों और विधायकों से अनुरोध है कि केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखें और झारखंड की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए बकाया भुगतान की मांग करें। झारखंड सिर्फ झामुमो और कांग्रेस का ही नहीं, बल्कि सभी पार्टियों का है। सभी को इसमें आगे आना होगा।

पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि हम बताना चाहते हैं कि झारखंड के साथ ज्यादती की जा रही है। 1417 करोड़ रुपये झारखंड का है। केंद्र की शह पर डीवीसी भी बीच-बीच में झारखंड को धमका का आया है। इसी का नतीजा था कि पिछले दिनों सात जिलों की बिजली काट दी गई थी। डीवीसी का झारखंड में छह प्लांट है, इसका पैसा झारखंड में खर्च होना चाहिए। भाजपा सांसद और विधायक इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं। हाल ही में एनजीटी ने 113 करोड़ का दावा ठोक दिया, यह कौन भरेगा।

झरिया विधायक ने एक साल पहले बने विधानसभा भवन की छत भी गिरने लगी है। झारखंड के साथ गलत हो रहा है और सभी चुप हैं। सभी पार्टियों के सांसद, विधायक और कार्यकर्ताओं को आवाज उठाना होगा। केंद्र सरकार हमारे हक का जीएसटी भी नहीं दे रही है। आज जो भी झारखंड के साथ हो रहा है, क्या यह संघीय ढांचे पर प्रहार नहीं है। जनता को सब पता है, दुमका और बेरमो के उपचुनाव में जवाब मिलेगा। भाजपा सरकार ने सिर्फ हर कार्य में ओवर इस्टीमेट बनाने का काम किया है। इसका जीता जागता उदाहरण चार लेन सड़क है। हमारी सरकार इसे बनाएगी, लेकिन कुछ संशोधन के बाद। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बयान की भी पूर्णिमा नीरज सिंह ने निंदा की। उन्होंने कहा ऐसा बयान देने से बचना चाहिए था। हम उस जगह पर हैं, जहां इस गरिमा को बनाए रखना बहुत जरूरी है।


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