Dhanbad Rail Division: अफसरों के क्लब 5-स्टार सुविधाओं को मात देनेवाले, कर्मचारी क्वार्टर की छतें ऐसी कि खुली आंखों से लेनी पड़ रही नींद
इंजीनियरिंग विभाग से लगातार शिकायतें करने के बाद भी जब किसी ने नहीं सुनी तो ट्विटर पर डीआरएम से मदद मांगी गई है। अविनाश चौहान ने ट्वीट कर लिखा ब्लाक 451 के ज्यादातर आवास जर्जर हो चुके हैं। सीलिंग गिरने से आए दिन दुर्घटना हो रही है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। 15 हजार करोड़ आमदनी वाले धनबाद रेल मंडल के अफसरों के क्लब की चकाचौंध ऐसी कि एकबारगी देखकर लगेगा जैसे किसी 5-स्टार होटल में आ गए हैं। स्वीमिंग पुल से लेकर चमकीले फर्स और रंग-बिरंगी रोशनी में नहायी दीवारें और छत सब के सब दुरुस्त और चकाचक। मगर जैसे ही कर्मचारियों के क्वार्टर का हाल देखने जाएंगे तो मायूसी मिलेगी। कहीं बारिश से रिसती छत के ऊपर प्लास्टिक लिपटा दिखेगा तो कहीं टूटकर गिरती छत की दीवारों के कारण डर औ दहशत के बीच रहने वाले रेल कर्मचारी और उनका परिवार। कर्मचारी आवासों की मरम्मत की मरम्मत के लिए फंड नहीं है। उस पर कोरोना काल भी रोना है। मगर अफसरों की सुख-सुविधाओं के लिए न फंड की कमी और न कोरोना संकट। बुरी तरह बिगड़ चुकी रेल आवासों की सूरत संवारने के लिए बनी प्लानिंग अब तक फाइल से बाहर नहीं निकली है। लिहाजा, जर्जर छत टूट-टूट कर गिर रहे हैं और कर्मचारी फटा सिर लेकर रेलवे अस्पताल की दौड़ लगा रहे हैं। ताजा मामला गोमो का है। ब्लाक 451 के आवास की छत के प्लास्टर का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरने से रेलकर्मी के परिवार के सदस्य चोटिल हो गये। उन्हें इलाज के लिए धनबाद रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आंखें खोलकर सोते हैं डीआरएम डीआरएम साहब, प्लीज कुछ कीजिए
इंजीनियरिंग विभाग से लगातार शिकायतें करने के बाद भी जब किसी ने नहीं सुनी तो ट्विटर पर डीआरएम से मदद मांगी गई है। अविनाश चौहान ने ट्वीट कर लिखा ब्लाक 451 के ज्यादातर आवास जर्जर हो चुके हैं। सीलिंग गिरने से आए दिन दुर्घटना हो रही है। रविवार को सीलिंग गिरने से घर के सदस्य चोटिल भी हुए हैं जो रेलवे अस्पताल में इलाजरत हैं। डीआरएम ने इस मामले को इंजीनियरिंग विभाग प्रमुख यानी सीनियर डीईएनसी को भेज दिया है।