Move to Jagran APP

कोल इंडिया की कमेटी ने कहा- 50 प्रतिशत एमजीबी बढ़ाई तो कंपनी पर 55 हजार करोड़ रुपये का आएगा बोझ

कोयला वेतन समझौता के वित्तीय पहलुओं पर विचार को गठित कोल इंडिया की कमेटी की बैठक कोयला भवन में गुरुवार को हुई। अध्यक्षता कमेटी के चेयरमैन व बीसीसीएल के सीएमडी समीरण दत्ता ने की। बैठक का भारतीय मजदूर संघ ने बहिष्कार किया।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Fri, 05 Aug 2022 11:17 AM (IST)Updated: Fri, 05 Aug 2022 11:17 AM (IST)
कोल इंडिया की कमेटी ने कहा- 50 प्रतिशत एमजीबी बढ़ाई तो कंपनी पर 55 हजार करोड़ रुपये का आएगा बोझ
यूनियन ने बीसीसीएल के आंकड़े पर असहमति जताई।

जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयला वेतन समझौता के वित्तीय पहलुओं पर विचार को गठित कोल इंडिया की कमेटी की बैठक कोयला भवन में गुरुवार को हुई। अध्यक्षता कमेटी के चेयरमैन व बीसीसीएल के सीएमडी समीरण दत्ता ने की। बैठक का भारतीय मजदूर संघ ने बहिष्कार किया। बैठक में प्रबंधन ने बताया कि यूनियन जो 50 प्रतिशत वेज बढ़ोतरी की मांग कर रही है, यदि उसे लागू किया गया तो कंपनी पर सिर्फ मिनिमम गारंटी बेनिफिट में 54 हजार 958 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। यह बोझ उठाने की स्थिति में कंपनी नहीं है।

loksabha election banner

कमेटी के समन्वयक एवं कोल इंडिया के महाप्रबंधक श्रम शक्ति एवं औद्योगिक संबंध अजय कुमार चौधरी ने यूनियन प्रतिनिधियों को पीपीटी के जरिए कंपनी की वित्तीय स्थिति की जानकारी दी। कितने प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनिफिट देने पर कंपनी पर कितना आर्थिक बोझ आएगा, यह बताया गया। यूनियन की ओर से दिए गए 50 प्रतिशत एमजीबी पर कंपनी ने करीब 55 हजार करोड़ का वित्तीय भार आने की बात कही, वहीं यूनियन ने 35 से 40 हजार करोड़ बताया।

सीटू के डीडी रमानंदन, एचएमएस के सिद्धार्थ गौतम एवं एटक के लखनलाल महतो ने प्रबंधन के आंकड़ों पर असहमति जताई। बैठक में बीएमएस के सदस्य सुरेंद्र कुमार पांडेय अनुपस्थित रहे। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे ने बैठक के बहिष्कार का एलान किया था। बीएमएस का कहना था कि जेबीसीसीआइ की पांचवीं बैठक में कमेटी गठन पर चर्चा नहीं हुई थी। प्रबंधन ने एकतरफा निर्णय लेकर कमेटी बना दी। दोनों पक्षों ने 11वें वेतन समझौता में गतिरोध खत्म करने पर बल दिया गया। जेबीसीसीआइ की बैठक अगले महीने होने की बात कही गई।

प्रबंधन ने पेश किया वेज बढ़ोतरी पर होने वाले खर्च का ब्योरा

बैठक में प्रबंधन ने बताया कि पांच प्रतिशत वेज बढ़ोतरी पर ईसीएल पर 529 करोड़, बीसीसीएल पर 400 करोड़, सीसीएल 312 करोड़, एनसीएल 125 करोड़, डब्ल्यूसीएल 350 करोड़, एसईसीएल 460 करोड़, एमसीएल 174 करोड़, सीएमपीडीआइ 18 करोड़ तथा कोल इंडिया मुख्यालय पर 15 करोड़ खर्च होगा। इस तरह से कुल 2369 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इसी तरह सात प्रतिशत वेज बढ़ोतरी पर 2988 करोड़, 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर 3916 करोड़, 15 प्रतिशत की वेज बढ़ोतरी पर 5464 करोड़, 20 प्रतिशत की वेज बढ़ोतरी पर 7011 करोड़ तथा 25 प्रतिशत की वेज बढ़ोतरी पर 8558 करोड़ रुपये खर्च होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.