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Coal India: 11वें जेबीसीसीआइ के गठन को कोयला मंत्रालय की हरी झंडी, वेतन समझौता का रास्ता हुआ साफ

Coal India जेबीसीसीआइ-11 के तहत निर्धारित होने वाला नया वेज एग्रीमेंट पहली जुलाई 2021 से लागू होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि अगले महीने भी कोल इंडिया कमेटी का गठन कर देती है तो समय पर एग्रीमेंट का निर्धारण हो सकेगा।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 07:49 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 07:49 AM (IST)
Coal India: 11वें जेबीसीसीआइ के गठन को कोयला मंत्रालय की हरी झंडी, वेतन समझौता का रास्ता हुआ साफ
कोल इंडिया मुख्यालय और कोयला ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। JBCCI for pay agreement in Coal India कोल इंडिया में वेतन समझौते के लिए ज्वाइंट बाइपर्टाइट कंसल्टेटिव कमेटी ऑन कोल इंडस्ट्री ऑफ इंडिया-11(JBCCI)  के गठन का रास्ता साफ हो गया है। कोयला मंत्रालय के उप सचिव राम शिरोमणि सरोज ने कोल इंडिया के चेयरमैन को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में जेबीसीसीआइ 11 का गठन शीघ्र करते हुए सभी 24 नवंबर 2017 को सार्वजनिक उपक्रम विभाग की ओर से दिए गए दिशानिर्देश के अनुसार व श्रम कानूनों के अनुरूप नए वेज एग्रीमेंट का निर्धारण किया जाए। कोयला मंत्रालय ने पत्र में कहा है कि सभी स्टेक होल्डर व कोयला कामगारों के हित में अविवादित वेज एग्रीमेंट का जल्द निर्धारण किया जाए व इसकी जानकारी कोयला मंत्रालय को भी प्रेषित किया जाए। यह पत्र 7 मई को जारी किया गया।

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पहली जुलाई से लागू होगा वेज एग्रीमेंट

जेबीसीसीआइ-11 के तहत निर्धारित होने वाला नया वेज एग्रीमेंट पहली जुलाई 2021 से लागू होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि अगले महीने भी कोल इंडिया कमेटी का गठन कर देती है तो समय पर एग्रीमेंट का निर्धारण हो सकेगा। पांच वर्षों के लिए लागू होने वाला एग्रीमेंट पिछली बार वर्ष 2016 में लागू हुआ था। इसकी अवधि 30 जून 2021 को समाप्त हो रही है। ट्रेड यूनियन नेताओं की मानें तो मंत्रालय ने सही समय पर इसे लागू कर दिया है।

इंटक पर संशय बरकरार

जेबीसीसीआइ में इंटक सदस्य भाग ले सकेंगे अथवा नहीं इस पर संशय बरकरार है। कई गुटों में बंटे इस यूनियन के प्रतिनिधि पिछले जेबीसीसीआइ में भी भाग नहीं ले पाए थे। मामला अदालत में लंबित है। इस वर्ष कोयला मंत्रालय से जारी पत्र में भी कहा गया है कि इंटक के सदस्यों को बैठक में आमंत्रित किया जाए। हालांकि शर्त अदालत के निर्णय के आलोक में यह फैसला करने को कहा गया है। मामला चूंकि अभी भी विवादित है लिहाजा इस बार भी चार संगठनों के ही इसमें भाग लेने की संभावना दिख रही है। बता दें कि जेबीसीसीआइ में पांच केंद्रीय मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधि बैठते हैं। इनमें ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, भारतीय मजदूर संघ, हिंद मजदूर सभा व सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन शामिल हैं। प्रबंधन से कोल इंडिया चेयरमैन के साथ ही सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी व निजी कोल कंपनियों के प्रतिनिधि भी बैठक में आमंत्रित किए जाते हैं।

पुराने श्रम कानूनों के तहत ही होगा निर्धारण

जेबीसीसीआइ-11 के गठन के साथ ही तय हो गया कि फिलहाल नया श्रम कानून कोरोना महामारी तक लागू नहीं हो रहा। जेबीसीसीआई-10 के सदस्य रहे बिंदेश्वरी प्रसाद के मुताबिक यदि नया श्रम कोड लागू हो जाता तो उसमें द्विपक्षीय कमेटी का गठन संभव नहीं था। प्रबंधन अपनी ओर से ही निर्णय ले लेता कि इस बार कितनी वेतन वृद्धि करनी है। उसमें ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं होनी थी। ऐसे में जेबीसीसीआइ का गठन ही नहीं होता। दूसरी तरफ वेज एग्रीमेंट भी 10 वर्ष के लिए होता। अब यह तय है कि यह पुराने श्रम कानून के तहत ही गठित होगा व लागू भी होगा। हालांकि कोयला मंत्रालय के पत्र में ठेका श्रमिकों के मामले में किसी तरह की चर्चा नहीं होने पर उन्होंने ऐतराज भी जताया। इधर जेबीसीसीआइ 10 के सदस्य रहे सीटू नेता ने जेबीसीसीआइ गठन के निर्णय को सही करार देते हुए उम्मीद जताई कि यह सही समय पर गठित होगा और एग्रीमेंट भी सही समय पर हो जाएगा।


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