कोयला परियोजनाओं से विस्थापितों को जमीन के बदले क्या मिलेगा ? कोयला मंत्री ने पेश की नई पुनर्वास नीति
Coal India News कोयला मंत्री ने नवरत्न कंपनी की नई आर एंड आर पालिसी के तहत अब 75 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का प्रावधान रखा है। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने नवरत्न कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड की पुनर्वास और पुनस्र्थापन की नई नीति का शुभारंभ किया।
जागरण संवाददाता, धनबाद। कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने बीसीसीएल समेत अन्य कोयला कंपनियों के लिए आर एंड आर पालिसी का शुभारंभ सोमवार को नई दिल्ली में किया। अब कोल इंडिया पर भी इस पालिसी को लेकर दबाव बढ़़ेगा। कोल इंडिया की कंपनियों में अब भी पुरानी नीति के तहत ही लोगों को जमीन के बदले मुआवजा राशि दी जी रही है। जमीन के बदले नौकरी नहीं देना पड़े इसके लिए नई नीति लागू करने का दबाव मंत्रालय पर पहले से है। कोल इंडिया की कई कंपनियां पहले ही जमीन नहीं मिलने के कारण नई परियोजना को चालू व पुरानी परियोजनाओं का विस्तार नहीं कर पा रही है। जमीन के अभाव में बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल व एसईसीएल की कई कोयला परियोजना लंबित है।
Launched @nlcindialimited's new policy of Rehabilitation and Resettlement from New Delhi today. Govt led by PM @narendramodi ji is committed to welfare of all sections of society. This new policy enhances amenities to Project Affected Families. pic.twitter.com/nUM2X6pUt5
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) January 17, 2022
75 लाख रुपये प्रति एकड़ का प्रावधान
कोयला मंत्री ने नवरत्न कंपनी की नई आर एंड आर पालिसी के तहत अब 75 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का प्रावधान रखा है। सोमवार को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने नवरत्न कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड की पुनर्वास और पुनस्र्थापन की नई नीति का शुभारंभ किया।
नई आरआर नीति में प्रमुख प्रावधान
- ग्रामीण क्षेत्र के लिए 40 लाख रुपये प्रति एकड़
- शहरी क्षेत्र के लिए 75 लाख रुपये प्रति एकड़
- रोजगार के एवज में 20 साल के लिए 7000-10,000 रुपये मासिक
- एक हजार स्क्वायर फीट क्षेत्रफल वाला भूस्वामियों को पुनर्वास के लिए आवास।
- स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने एवं गोशाला की व्यवस्था।