Coal India: आत्मनिर्भर भारत अभियान पर कोयला मंत्री ने दी सफाई, कोल इंडिया का निजीकरण नहीं
Aatmanirbhar bharat abhiyaan के तहत कोल इंडिया को वित्त वर्ष 23.24 तक अपने एक बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने की राह आसान होगी। कोल इंडिया के लिए यह एक बड़ा अवसर है
धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण सुस्त पड़ी देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की है। इसके तहत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोयला उत्पादन के क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश और कमर्शियल माइनिंग का एलान किया है। इसका कई मजदूर संगठन विरोध कर रहे हैं। वे सरकार पर कोयला उद्योग के निजीकरण का आरोप लगा रहा हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय कोयला मंत्री पहलाद जोशी ने सफाई दी है।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को कहा कि सरकार कोल इंडिया का निजीकरण नहीं करेगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किए गए ऐलान से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश का फैसला लिया गया है। जोशी कोयला मंत्रालयों के साथ समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में कोल सचिव अनिल जैन व संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से कोल इंडिया को वित्त वर्ष 23.24 तक अपने एक बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने की राह आसान होगी। कोल इंडिया के लिए यह एक बड़ा अवसर है जब कंपनी नई खदानें खोलते हुए अधिक से अधिक कोयला उत्पादन कर देश में हो रहे कोयले के आयात की भरपाई कर सकती है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में कोल इंडिया अपने उत्पादन से सालाना 100 मिलियन टन कोयले के आयात की भरपाई करेगी।
जोशी ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि सरकार का कोल इंडिया के निजीकरण का कोई इरादा नहीं है। बल्कि, सरकार कोल इंडिया को मजबूत कर रही है और इसे आगे भी और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी के पास पर्याप्त कोयला भंडार है, जो देश में 100 वर्षों से अधिक तक बिजली बनाने के लिए पर्याप्त है। हाल ही में सरकार ने कोल इंडिया को 16 नए कोयला ब्लॉक भी दिए हैं। कोल इंडिया परिवार को आश्वस्त करते हुए जोशी ने कहा कि सरकार को कोल इंडिया पर गर्व है और आने वाले समय में इसे और मजबूत किया जाएगा।