Coal Transport Security: कोल इंडिया और रेलवे के बीच हुआ समझाैता, अब मिलकर होगी कोयला लदे रैक की सुरक्षा
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इस सिस्टम के जरिए रेलवे रैकों कि ट्रेकिंग की ही जाएगी। साथ ही रेलवे साइडिंग पर कोयला लोडिंग की भी निगरानी की जा सकेगी। ऐसा हुआ तो कोयले की चोरी तो रुकेगी ही उसके गुणवत्ता में भी सुधार आएगी।
धनबाद, जेएनएन। कोयला चोरी को लेकर कोल इंडिया व उसकी अनुषंगी कंपनियां तबाह है। सड़क के जरिए ट्रांसपोर्टिंग के दौरान कोयला चोरी की समस्या थी ही, रेलवे रैक से कोयला चोरी भी उतनी ही बड़ी समस्या हो गयी है। सड़क के जरिए कोयला ढुलाई के दौरान चोरी से निपटने के लिए कंपनी ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से सभी वाहनों को पहले ही लैस कर दिया है। अब रैक की ट्रैकिंग करने की व्यवस्था की जा रही है। कंपनी ने हाल ही में सेंट्रल रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम के साथ एमओयू किया है।
.@CoalIndiaHQ has signed an MoU with Centre for Railway Information Systems for freight monitoring and data sharing. This MoU will help in desired level of coal loading in rakes.@PiyushGoyal @RailMinIndia @PiyushGoyalOffc pic.twitter.com/bKfsq0xvL8
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) March 3, 2021
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के जरिए रेलवे रैकों कि ट्रेकिंग की ही जाएगी। साथ ही रेलवे साइडिंग पर कोयला लोडिंग की भी निगरानी की जा सकेगी। ऐसा हुआ तो कोयले की चोरी तो रुकेगी ही उसके गुणवत्ता में भी सुधार आएगी।
दरअसल कुछ रेल कर्मियों और कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से लंबे समय से कोयला चोरी को प्रश्रय दिया जाता रहा है। रैक पर कोयला लोड होते हैं। उसे एक निश्चित स्थान पर जाकर रोक दिया जाता रहा है। इस दौरान बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग रैक से जमकर कोयला चोरी करते रहे हैं। इससे कंपनी को काफी नुकसान होता है। नए सिस्टम से ऐसा करना संभव नहीं हो पाएगा। यदि किया गया तो संबंधित कर्मचारी चयनित किए जा सकेंगे। इससे कोल इडिया, रेलवे और कोयला खरीदने वाले ग्राहक (पावर व स्टील सेक्टर) तीनों लाभान्वित होंगे।