न्यू मधुबन वाशरी निर्माण का जायजा लेंगे कोल इंडिया के चेयरमैन
संवाद सहयोगी बाघमारा केंद्र सरकार के 100 डेज प्रोग्राम में शामिल बीसीसीएल की निर्माणाधीन न्
संवाद सहयोगी, बाघमारा: केंद्र सरकार के 100 डेज प्रोग्राम में शामिल बीसीसीएल की निर्माणाधीन न्यू मधुबन वाशरी का निरीक्षण करने गुरुवार को कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल आ रहे हैं। उनके आगमन को लेकर बीसीसीएल प्रबंधन चाक चौबंद है वहीं वाशरी के निर्माण कार्य में लगी एचईसी कंपनी भी बचाव का रास्ता ढूंढ़ रही है। 2 35 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस वाशरी का तीन साल में निर्माण कार्य पूरा कर बीसीसीएल को हैंड ओवर करना था, लेकिन 2013 से आठ सालों तक वाशरी का कार्य अबतक अधूरा है। इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय गंभीर है।
भाजपा सरकार के दूसरे कार्याकाल में पूरे देश में 100 डेज के तहत ली गई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से मधुबन वाशरी को भी शामिल किया गया था। केंद्र सरकार के निर्देश पर सितंबर 2019 में पूरा कर प्रधानमंत्री के हाथों आनलाइन उदघाटन होना था। मगर समय पर कार्य पूरा नहीं होने से उद्घाटन नहीं हो पाया। बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा बार-बार दबाव के बाद भी लेटलतीफी जारी रही। सीएमडी पीएन प्रसाद कई बार वाशरी का दौरा कर कार्य को पूरा करने की हिदायत दे चुके थे। 28 नवंबर 2013 में कोयला राज्य मंत्री प्रतिक बाबू पाटिल ने वाशरी के निर्माण की आधारशिला रखी थी। इस वाशरी से प्रतिदिन 5 मिलियन टन कोयले की धुलाई कर पावर व थर्मल प्लांटों में भेजे जाने की योजना है। वाशरी में ब्लाक दो, बरोरा, गोविदपुर क्षेत्र सहित अन्य जगहों से कोयला आपूर्ति की जाएगी। धुलाई कोयला को दग्धो लोडिग प्वाइंट से रैक के माध्यम से भेजा जाना है। इसके लिये पूर्ण सुरक्षित युक्त सवा किलोमीटर लंबा कन्वेयर बेल्ट का स्ट्रक्चर स्थापित किया गया है। वाशरी के निर्माण के बाद 10 साल तक एचईसी को ही इसका रखरखाव करना है। इसके अलावा ढ़ाई ढाई मिलियन टन के दो शेलो का निर्माण कार्य चल रहा है। एचईसी के साइड इंचार्ज ए के तिवारी ने बताया कि कार्य प्रगति पर है। 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। कोविड काल के कारण एक साल विलंब हो गया। वर्तमान समय में इलेक्ट्रिक कार्य शेष बचा हुआ है, जिसे जल्द पूरा कर लिया कर दिया जाएगा।