Floods in West Bengal: झारखंड और डीवीसी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप झूठ, डीवीसी ने किया था अलर्ट
Floods in West Bengal बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर के कारण तीन दीनों तक लगातार बारिश हुई। बारिश झारखंड के साथ पश्चिम बंगाल में भी हुई। बारिश के पानी को डीवीसी ने मैथन और पंचेत डैम से पश्चिम बंगाल की ओर थोड़ा। इससे बाढ़ आई।
जागरण संवाददाता, मैथन/ धनबाद। बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर के कारण पश्चिम बंगाल समेत झारखंड और ओडिशा में दो दिनों तक लगातार झमाझम बारिश हुई। इससे भारी तबाही हुई। पश्चिम बंगाल के निचले हिस्से को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ में कई लोगों की माैत हो गई। 22 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। बाढ़ के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झारखंड सरकार और दामोदर घाटी निगम ( DVC) को जिम्मेदार ठहराया है। बनर्जी ने सूबे के दक्षिणी हिस्से में आई बाढ़ को मानव निर्मित करार देते हुए इसके लिए झारखंड और दामोदर वैली कार्पोरेशन (डीवीसी) को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बंगाल को सूचित किए बिना बांधों और बराजों से अनियोजित तरीके से पानी छोड़े जाने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। झारखंड सरकार की तरफ से बांधों और बराजों की ड्रेजिंग नहीं कराई जाती।
डीवीसी ने पहले दी थी सूचना
ममता ने बाढ़ की पुनरावृत्ति रोकने के लिए बांधों और बराजों की ड्रेजिंग कराने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने बड़े पैमाने पर विरोध की भी चेतावनी दी। ममता ने कहा- अगर यह (बाढ़) भारी बारिश के बाद होती तो हम (स्थिति) समझते और इससे निपटते, लेकिन यह झारखंड और डीवीसी द्वारा बांधों और बराजों से पानी छोड़े जाने के कारण हुआ। मैं उनसे ड्रेजिंग करने के लिए अनुरोध करती हूं। हालांकि दूसरी तरफ डीवीसी का कुछ और ही कहना है। मैथन में डीवीसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना सही नहीं है। केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देश में पानी छोड़ा जाता है। धनबाद स्थित डीवीसी के मैथन और पंचेत डैम से पानी छोड़ने से पहले पश्चिम बंगाल सरकार और वहां के संबंधित अधिकारियों को लिखित में सूचित किया जाता है। इस बार भी लिखित में अलर्ट जारी किया गया।
पानी न छोड़ा जाय तो हजारों की जा सकती जान
डीवीसी के अधिकारियों का कहना है कि मैथन और पंचेत डैम जब खतरे के निशान के उपर पानी आ जाता है तब छोड़ा जाता है। पानी न छोड़ने की स्थिति में मैथन और पंचेत डैम टूट सकता है। ऐसी स्थिति में पश्चिम बंगाल के हजारों लोगों की जान जा सकती है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा और कांग्रेस ने तृणमूल को घेरा
दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस ने कहा कि डीवीसी ने हमेशा अतिरिक्त पानी छोडऩे से पहले बंगाल सरकार को अवगत कराया है और इस बार भी कोई अपवाद नहीं है। इसपर तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा- इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस जो कह रही है, वह सरासर झूठ है। डीवीसी ने बंगाल सरकार से परामर्श किए बिना ही पानी छोड़ा। यह अन्यायपूर्ण है। हम इसका विरोध करते हैं।