स्वच्छता में टॉप 100 में अपना धनबाद
धनबाद : स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में धनबाद ने ऊंची छलांग मारी है। धनबाद इस बार देश के टॉप 100 शहरों म
धनबाद : स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में धनबाद ने ऊंची छलांग मारी है। धनबाद इस बार देश के टॉप 100 शहरों में स्थान बनाने में सफल रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण में इसने देश स्तर पर 53वां रैंक हासिल किया है, वहीं झारखंड में पांचवें स्थान पर रहा। स्वच्छता रैंकिंग के टॉप 100 शहरों में झारखंड के नौ शहर शामिल हैं। राज्य में धनबाद से आगे चास, मानगो, रांची व जमशेदपुर हैं। धनबाद का पूरे देश के टॉप 53वें स्थान पर रहना इसलिए भी अहम माना जा रहा है कि दो साल 2016 में 75 शहरों को सर्वे में शामिल किया गया था जिसमें 72 शहरों ने इसमें हिस्सा लिया था। इसमें धनबाद सबसे अंतिम 72वें स्थान पर रहा था। पिछले साल 2017 में 500 शहरों का सर्वेक्षण हुआ था जिसमें धनबाद 109वें स्थान पर रहा था। इस बार पूरे देश में 53वां स्थान मिला है।
शहर को तीन जोन में बांटा गया
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में 4203 शहरों का सर्वे किया गया। इन शहरों को तीन जोन में बांटकर दो लाख स्थानों का सर्वे कर रैंकिंग निकाली गई। जोन एक में एक लाख से अधिक आबादीवाले शहर, जोन दो में एक लाख से कम आबादी वाले शहर और जोन तीन में कैंटोंमेंट बोर्ड वाले शहरों को रखा गया है। धनबाद को एक लाख से अधिक वाले 485 शहरों में रखा गया था जिसमें यह 53वें स्थान पर रहा है।
चार हजार में 2848 अंक मिले
स्वच्छता सर्वेक्षण चार हजार अंकों का था जिसमें धनबाद को 2848 अंक मिले हैं। सर्विस लेबल प्रोग्रेस में 1400 में से 513, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन में 1200 में से 1111.77 और सिटीजन फीडबैक में 1400 में से 1www.15 अंक प्राप्त हुआ है।
स्वच्छता के तीन उपाय से रैंकिंग में उछाल
नगर निगम ने स्वच्छता के तीन उपाय से रैंकिंग में उछाल पाया। नगर आयुक्त राजीव रंजन बताते हैं, स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर स्थान प्राप्त करने के लिए टीम वर्क के रूप में काम किया। सबसे पहले स्वच्छता कर्मियों का उत्साह बढ़ाया। उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया। उनके मेहनत से यह मुकाम हासिल कर पाए हैं। दूसरा जनता से सहयोग लेने के लिए जागरुकता चलाया। क्विज प्रतियोगिता कराई गई जिसका जनता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। तीसरा मीडिया का भरपूर सहयोग मिला। मीडिया से स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रति लोगों को खासा जागरूक किया। ये तीन उपाय स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर स्थान लाने में कारगर साबित हुआ।
ओडीएफ व सॉलिड वेस्ट प्रबंधन से और ऊपर रैंक रहता
निगम में ओडीएफ व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्रबंध रहता तो रैंक और ऊपर रह सकता था। नगर निगम शहरी क्षेत्र को ओडीएफ घोषित नहीं करवा पाया। निगम ने शहरी क्षेत्र को ओडीएफ घोषित किया था जिसे केंद्रीय जांच टीम ने सत्यापित नहीं किया। इस कारण निगम के ओडीएफ में अंक कट गए। सॉलिड वेस्ट प्रबंधन का प्रबंध भी निगम में नहीं मिला, इसलिए इसमें भी अंक नहीं मिले। ओडीएफ व सॉलिड वेस्ट प्रबंधन की व्यवस्था रहने पर रैंक और ऊपर जाता।
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- स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में 4203 ने लिया हिस्सा
- कुल 4000 हजार अंकों का था सर्वे, धनबाद को मिला 2848 अंक
- सर्विस लेबल प्रोग्रेस में थे 1400 अंक, धनबाद को मिला 513
- डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन में थे 1200 अंक, धनबाद को मिला 1111.77 अंक
- सिटीजन फीडबैक में थे 1400 अंक, धनबाद को मिला 1www.91 अंक
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वर्जन :
धनबाद की जनता, सामाजिक संस्थाओं व टीम नगर निगम के सहयोग से यह मुकाम पाए हैं, लेकिन अभी सफर अधूरा है। आगे और बेहतर करने की चुनौती है। जनता से अपील है शहर के मान-सम्मान के के लिए आगे आएं।
शेखर अग्रवाल, मेयर
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पूरे धनबाद नगर निगम के संयुक्त प्रयास से यह स्थान प्राप्त कर पाए हैं। इसमें धनबाद की जनता, निगम कर्मियों-पार्षदों, चैंबर ऑफ कॉमर्स व मीडिया का भरपूर सहयोग मिला। दैनिक जागरण को विशेष तौर पर धन्यवाद देना चाहते हैं जिससे स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाकर जनता को स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए जागरूक किया।
राजीव रंजन, नगर आयुक्त