Jharkhand: निकास द्वार से बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सांसद निशिकांत की एंट्री पर बवाल, पंडाओं से झकझूमर, जिलाधिकारी के छलके आंसू
हंगामे से श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। उपायुक्त नैंसी सहाय व एसपी नरेंद्र सिंह ने किसी प्रकार उनको शांत किया। घटना से उपायुक्त इतनी आहत हुईं कि उनकी आंखों से आंसू छलक उठे।
देवघर, जेएनएन। महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को मंदिर में तब हंगामा होने लगा जब सांसद निशिकांत दुबे व पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर उलझ गए। सांसद, पत्नी व समर्थकों के साथ बाबा मंदिर पूजा को आए थे। वे निकास द्वार से अंदर जाना चाहते थे। कार्तिकनाथ ने विरोध किया। सांसद तो अंदर चले गए लेकिन समर्थकों को रोक दिया गया। इस पर बात को लेकर सांसद व महामंत्री के बीच कहासुनी हो गई। कुछ लोगों ने सांसद के खिलाफ नारेबाजी की। सांसद निकास द्वार के सामने आधा घंटा धरना पर बैठे।
हंगामे से श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। उपायुक्त नैंसी सहाय व एसपी नरेंद्र सिंह ने किसी प्रकार उनको शांत किया। घटना से उपायुक्त इतनी आहत हुईं कि उनकी आंखों से आंसू छलक उठे। इस मामले में सांसद ने टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि जो पूछना है उपायुक्त व एसपी से पूछें।
सांसद का व्यवहार अशोभनीय : कार्तिकनाथ ठाकुर
महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन व मंदिर प्रशासन के साथ सभा ने निर्णय लिया था कि निकास द्वार से अनाधिकृत प्रवेश नहीं होने देंगे। सभा के तमाम पदाधिकारी कर्मी निकास द्वार व प्रशासनिक भवन के समीप बाबा मंदिर के द्वार पर मुस्तैद थे। तभी शीघ्र दर्शनम लाइन में थोड़ी अव्यवस्था हो गई थी। उनके साथ सभा के उपाध्यक्ष अरुणानंद झा शीघ्र दर्शनम की लाइन में व्यवस्था दुरुस्त कर रहे थे। सौरभ झा जिनका हाल में हाथ टूट गया था, वह सभा के अन्य कर्मियों के साथ निकास द्वार पर व्यवस्था में लगे थे। तभी सांसद अपने कुछ समर्थकों के साथ सौरभ झा को धकेलते हुए निकास द्वार से प्रवेश गए। सौरभ ने उन्हें सूचना दी। वे निकास द्वार पर पहुंचे तो कुछ समय बाद दुबे अपने समर्थकों के साथ वापस आए। तब उनके समर्थकों से कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए था। इस पर सांसद ने उनके ऊपर टिप्पणी की, उन्होंने ध्यान नहीं दिया। 15 से 20 मिनट के बाद दुबे फिर निकास द्वार आए। उनसे उलझने लगे। असंसदीय भाषा का प्रयोग किया। निकास द्वार पर बैठ गए। इससे गर्भगृह में भीड़ जमा हो गई। भीड़ के कारण लोगों की हालत खराब होने लगी।
यदि कोई दुर्घटना गर्भगृह में हो जाती तो धर्मरक्षिणी सभा व पूरा पंडा समाज तथा जिला प्रशासन बदनाम हो जाता। जानबूझकर प्रशासन व सरकार को बदनाम करने की साजिश की गई। कहा कि ये समाचार में बनने रहने के लिए ऐसा करते हैं। यहीं नहीं एक-दो घंटे बाद तकरीबन डेढ़ सौ लोगों के साथ मंदिर में उन्हें मारने के लिए फिर से आए, समर्थकों के साथ निकास द्वार से प्रवेश करने की कोशिश की। इस बार सांसद प्रवेश कर गए, लेकिन एक भी समर्थक को हम लोगों ने प्रवेश नहीं करने दिया। समर्थकों में कई ऐसे थे, जिन्होंने शराब का सेवन कर रखा था।
सांसद के अंगरक्षक ने की बदसलूकी, छिनतई की शिकायत
विवाद को लेकर नगर थाना में अंगरक्षक भागलपुर जिला के सबौर थाना क्षेत्र के निवासी गोविंद मालाकार ने शिकायत की है। कहा कि 21 फरवरी को सवा बारह बजे गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के सांसद अपनी पत्नी, वृद्ध माता-पिता के साथ गर्भ गृह से पूजा अर्चना करने निकासी द्वार से बाहर निकले। तभी धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री ने 8-10 अज्ञात सहयोगी के साथ सांसद को घेर लिया। धक्का-मुक्की एवं हाथापाई करने लगे। दोनों अंगरक्षकों ने मिलकर सांसद व उनकी परिवार को बचाया। महामंत्री ने सांसद के गले से 1.20 लाख की कीमत की सोने का चेन छीन ली। अंगरक्षकों के साथ भी हाथापाई की। हमारी ड्यूटी में व्यवधान पैदा किया। सांसद के पीसीओ में तैनात एसआइ शंभू गोस्वामी व जयप्रकाश यादव दौड़कर आए और बीच बचाव किया। तब तक महामंत्री व अन्य लोग भाग गए।