पेंशन के लिए प्रखंड का चक्कर काट रहे बुजुर्ग
संवाद सहयोगी पूर्वी टुंडी ढलती उम्र में बुजुर्गों के लिए सरकार की ओर से मिलनेवाली वृद्धापे
संवाद सहयोगी, पूर्वी टुंडी : ढलती उम्र में बुजुर्गों के लिए सरकार की ओर से मिलनेवाली वृद्धापेंशन काफी मददगार साबित होती है। पूर्वी टुंडी में वृद्धों को पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। पूर्वी प्रखंड में ऐसे सैकड़ों बुजुर्ग हैं जिन्हें पेंशन स्वीकृति पत्र मिलने के बाद भी आज तक पेंशन की राशि उनके खाते में आनी शुरू नहीं हुई है।
मोहलीडीह पंचायत के लगभग एक दर्जन बुजुर्ग अपनी पेंशन योजना शुरू कराने के लिए वर्षों से कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। कभी पंचायत सचिवालय तो कभी प्रखंड कार्यालय में अपना पेंशन स्वीकृत पत्र के साथ अन्य कागजात जमा करते हैं और कार्यालय से आश्वस्त मिलता है कि जल्द पेंशन शुरू हो जाएगी, लेकिन अभी तक पेंशन शुरू नहीं हुई है। मोहलीडीह पंचायत अंतर्गत बड़बाद गांव के शंकर मंडल व लगन मंडल को वर्ष 2018 में ही पेंशन स्वीकृत पत्र मिल गया। इसी तरह बड़बाद गांव के ही नंदगोपाल मंडल, वीर सिंह, सरजू सोरेन को वर्ष 2019 में पेंशन स्वीकृत पत्र प्राप्त हुआ। मोहलीडीह गांव के मनभरण पंडित, फगनी देवी, छोटा बास्की, बहामुनी मुर्मू को भी वर्ष 2018 में पेंशन स्वीकृत पत्र मिल गया। बेजरा गांव की कुलोदा महताइन, सुगीया महताईन,सकुंतला देवी को भी वर्ष 2019 में पेंशन स्वीकृत पत्र मिल गया। लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक पेंशन की राशि खाते में आना शुरू नहीं हुई। अपनी पेंशन की राशि शुरू कराने के लिए ये सभी बुजुर्ग बुधवार को मोहलीडीह पंचायत सचिवालय भवन गए थे, लेकिन पंचायत सचिव से मुलाकात नहीं हुई। पता चला कि पंचायत सचिव प्रखंड की बैठक में शामिल होने गए हुए हैं। काफी इंतजार करने के बाद बुजुर्गों को निराश होकर घर लौटना पड़ा। पूरे प्रखंड में ऐसे सैकड़ों बुजुर्गों को पेंशन आने के इंतजार में कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इस संबंध में मोहलीडीह पंचायत की मुखिया शांति बाला मिज ने बताया कि पंचायत के बुजुर्गों का सभी कागजी प्रक्रिया पूरी कर उनका पेंशन स्वीकृत करा दिया गया। आगे की प्रक्रिया विभाग की ओर से रुकी है। वहीं मैरानवाटांड़ पंचायत के मुखिया बिपिन दां ने बताया कि पेंशन शुरू कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर एक पीआइडी नंबर दिया जाता है। अभी वह ऑनलाइन पोर्टल बंद है जिस कारण पेंशन कार्य संपादन में कठिनाई हो रही है।