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Online Education: बच्चों की आंखों पर बढ़ रहा मायोपिया का हमला, धनबाद में 200 की जांच में इतने मिले ग्रसित

धनबाद के नेत्र रोग विशेषज्ञ आशुतोष कुमार ने बताया कि मायोपिया में पास की वस्तुएं साफ दिखती हैं दूर की नहीं। दूर वाली धुंधली दिखाई देती हैं। उन्होंने बताया कि हाल में धनबाद के करीब 200 बच्चों की आंखों की जांच में 20 बच्चे मायोपिया से ग्रसित मिले।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 01:29 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 01:30 PM (IST)
Online Education: बच्चों की आंखों पर बढ़ रहा मायोपिया का हमला, धनबाद में 200 की जांच में इतने मिले ग्रसित
ऑनलाइन शिक्षा के दाैरान बच्चों की आंखों में बढ़ रहा मायोपिता का हमला ( सांकेतिक फोटो)।

धनबाद [ आशीष सिंह ]। कोरोना ने आम से लेकर खास तक की जिंदगी में उथल-पुथल मचाई है। लोग वर्क फ्राम होम तो विद्यार्थी आनलाइन पढ़ाई में लगे हैं। बच्चे डेढ़ साल से घर में हैं तो मोबाइल पर आनलाइन क्लास के साथ वीडियो गेम खेलते हैं, टीवी व कंप्यूटर पर खूब समय देते हैं। नतीजा उनको आंखों में दर्द, भेंगापन, तनाव, धुंधलाहट, पानी निकलने, शुष्क होने, सूजन व लालिमा की शिकायत हो रही है। जो बच्चे चश्मा लगाते हैं, उनको भी धुंधला दिखने लगा है। नेत्र चिकित्सकों के पास आए दिन ऐसे कई मामले आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे मायोपिया के शिकार हो रहे हैं।

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इस नेत्र रोग के लक्षण 

धनबाद के नेत्र रोग विशेषज्ञ आशुतोष कुमार ने बताया कि मायोपिया में पास की वस्तुएं साफ दिखती हैं, दूर की नहीं। दूर वाली धुंधली दिखाई देती हैं। उन्होंने बताया कि हाल में धनबाद के करीब 200 बच्चों की आंखों की जांच में 20 बच्चे मायोपिया से ग्रसित मिले। राज्य स्तर पर यह आंकड़ा और ज्यादा है। राज्य के 11 फीसद बच्चे मायोपिया से ग्रसित हैं। पिछले साल एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 13 फीसद बच्चे इससे ग्रस्त हैं। बच्चे पहले तीन घंटे तो अब सात घंटे तक मोबाइल प्रयोग करने लगे हैं। इससे यह बीमारी गंभीर होती जा रही है।

पांच साल तक के बच्चों को रखें मोबाइल व टीवी से दूर

बकौल डा. आशुतोष अभिभावक छोटे बच्चों के रोने पर उनको अक्सर मोबाइल दे देते हैं। यह ठीक नहीं है। इससे स्क्रीन पर नजर रखने से बच्चों की आंखों में विकार आ जाता है। छोटे बच्चों को मोबाइल गेम की जगह घरेलू खेल मसलन लुकाछिपी, लूडो में व्यस्त रखें। उनको पेड़पौधों के बारे में बताएं। ज्ञानवद्र्धक कहानियां सुनाएं।

ऐसे करें बचाव

  • 20 मिनट काम करने के दौरान 30 सेकंड आंखों को आराम दें। बंद करके उनको खोलें, इससे खुजलाहट व शुष्कता नहीं होगी।
  • पलकें झपकाना नहीं भूलें, आंखों को घुमाने की एक्सरसाइज करें।
  • बच्चों की आनलाइन कक्षा का स्क्रीन टाइम सीमित हो।
  • स्क्रीन से पर्याप्त दूरी रखी जाए।
  • लैपटाप को टीवी स्क्रीन से जोड़कर काम करें।
  • बच्चों की आंखों के फोन अत्यधिक करीब न हो, इससे आंख की पेशियों पर दबाव पड़ता है।
  • कंप्यूटर स्क्रीन और आंखों के बीच की दूरी कम से कम 18 से 24 इंच हो।
  • हरी सब्जियां, आंवला, बादाम के पोषक भोजन पर ध्यान दें।
  • -बच्चों का स्क्रीन टाइम एक से दो घंटे

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