Humanity Embarrassed: दिव्यांग मां को उसके बच्चों ने रोड पर छोड़ा अनाथ, इंस्पेक्टर ने खाना खिला भिजवाया वृद्धा आश्रम
जिस महिला के तीन बेटे और तीन बेटियां हों तो बुढ़ापे में उसे किसी चीज की कमी नहीं हो सकती। ऐसे में यदि मां दिव्यांग हो और उसके बच्चे उसे सड़क पर मरने के लिए छोड़ दें तो ऐस औलाद को समाज क्या नाम दे यह प्रश्न खड़ा होता है।
धनबाद जेएनएन: जिस महिला के तीन बेटे और तीन बेटियां हों तो बुढ़ापे में उसे किसी चीज की कमी नहीं हो सकती। ऐसे में यदि मां दिव्यांग हो और उसके बच्चे उसे सड़क पर मरने के लिए छोड़ दें तो ऐस औलाद को समाज क्या नाम दे यह प्रश्न खड़ा होता है। कुछ ऐसी ही कहानी है बिहार की बेतिया की रहने वाली दुर्गा देवी की। जिसे दिव्यांगता के कारण उसके तीनों बेटों ने धनबाद के धनसार स्थित न्यू दिल्ली इलाके में सड़क किनारे छोड़ फरार हो गए। शुक्र हो वहां के आसपास के लोगों का उन्हें इस बुजुर्ग महिला पर तरस आया और उसे वृद्धा आश्रम तक पहुंचाया।
दुर्गा देवी न्यू दिल्ली इलाके में सड़क किनारे बैठी रो रही थी। आसपास के लोगों ने जब पूछताछ की तो उसने अपनी कहानी बतायी। दुर्गा देवी ने बताया कि उसके तीनों बेटे उसे यहां लेकर आए हैं। ट्रेन से धनबाद स्टेशन लाया गया और फिर ऑटो में बिठा कर इस इलाके में छोड़ गए। यह कहकर गए कि वे उनके लिए खाने-पीने का बंदोबस्त कर रहे हैं। लेकिन पूरा दिन बितने के बाद भी वे लोग नहीं आये। स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना धनसार थाना इंस्पेक्टर जय प्रकाश प्रसाद को दी। इंस्पेक्टर महिला को अपने साथ थाना ले आए। यहां उन्हें खाना खिलाया और फिर लालमणि वृद्धा आश्रम को सूचना देकर वहां भेजने का काम किया। फिलहाल महिला आश्रम में है।
इधर इंस्पेक्टर जयप्रकाश प्रसाद और आश्रम अध्यक्ष नौशाद ने लोगों से अपील की है कि अपने बुजुर्ग मां-बाप को अनाथ न बनाएं। उन्हें अपने साथ रखें और उनकी सेवा करें। बुढ़ापे में अपने मां-बाप की लाठी बनें। ऐसा न हो कि एक दिन आपके भी बच्चे आपको सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दें।