मुख्यमंत्री का पुतला फूंका, राजगंज में पैदल मार्च
संवाद सहयोगी महुदा-राजगंज झारखंड सरकार के द्वारा भोजपुरी एवं मगही भाषा को राज्य भाषा म
संवाद सहयोगी, महुदा-राजगंज: झारखंड सरकार के द्वारा भोजपुरी एवं मगही भाषा को राज्य भाषा में शामिल करने के विरोध में रविवार को रैली निकाली गई। झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले निकली रैली में शामिल लोग आसपास के इलाके का भ्रमण करते हुए महुदा मोड़ स्थित बिनोद बिहारी महतो चौक पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, धनबाद व गिरिडीह के सांसद एवं विधायकों का पुतला दहन किया गया। लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। लोहपटी मोड़ से सैकडों महिला, पुरुषों हाथों में बैनर व पुतला लेकर रैली में चल रहे थे। समिति के सदस्यों ने बिनोद बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद पुतला दहन किया गया। सांसद चंप्रकाश चौधरी, पी.एन.सिंह, विधायक बिरंची नारायण, अमर बाउरी, जगरनाथ महतो, जय मंगल सिंह, लंबोदर महतो तथा ढुलू महतो, मथुरा महतो, अर्पना सिंह गुप्ता, इंद्रजीत महतो, पुर्णिमा नीरज सिंह एवं राज सिन्हा का पुतला दहन किया गया। संघर्ष समिति के नेतृत्वकर्ता जयराम महतो ने कहा कि झारखंड का बिहार से बंटवारा भाषा और सांस्कृतिक आधार पर किया गया है। झारखंड बने 21 वर्ष बीत चुके हैं, परंतु आज तक झारखंड की स्थानीय भाषा का विकास नहीं हो पाया है। हेमंत सरकार झारखंड के मूलवासी और आदिवासी के हितों की उपेक्षा कर रही है और भोजपुरी एवं मगही भाषा हम झारखंडियों पर थोपना चाहती है। इसे हमलोग स्वीकार नहीं करेंगे। विद्यासागर महतो, आकाश कुमार, अरविद कुमार, मिथिलेश महतो, जयराम महतो, विजय महतो, नारायण महतो, तुलसी महतो, राहुल कुमार, पंकज कुमार महतो, आलोक महतो, सतीश सिंह, पुष्पा देवी, हेमू बाला देवी, हेमंती देवी, सुनीता देवी, सूरज मणि देवी, किशोर महतो आदि शामिल थे।
राजगंज: झारखंड भाषा संघर्ष समिति के सदस्य धवाचिता से जुलूस लेकर लालवजार होते हुए युवा समर्पण चौक पहुंचे। सरकार के निर्णय के विरुद्ध नारेबाजी किया। मुरली महतो, मनिदर महतो, पंकज महतो, प्रवीण महतो, शंभु महतो, लक्ष्मण महतो, दीपक महतो आदि शामिल थे।