Dhanbad BJP Politics: मुफ्त में बदनाम हुई हेमंत सरकार, अब सामने आई झारखंड के पहले 8 लेन रोड पर ब्रेक की कहानी
Eight Lane Road Dhanbad इस रोड का भविष्य जानने के लिए धनबाद को थोड़ा और इंतजार करना होगा। 15 सितंबर को उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें रोड का भविष्य तय होगा।
धनबाद, जेएनएन। Eight Lane Road Dhanbad तत्कालीन रघुवर सरकार धनबाद में बन रहे झारखंड के पहले 8 लेन रोड को बड़ी उपलब्धि के रूप में गिनाने से नहीं थकती थी। लेकिन दिसंबर 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार और झामुमो गठबंधन की जीत के बाद रघुवर सरकार की विदाई और हेमंत सरकार के आगमन के साथ ही रोड की किस्मत पलट गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 8 लेन रोड को अनुपयोगी ठहराते हुए इसके निर्माण कार्य को रोकवा दिया। इसके बाद रोड को लेकर राजनीति तेज हुई। भाजपा ने झारखंड की हेमंत सरकार को विजनहीन और विकास विरोधी बताते हुए हमला तेज किया। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रोड का निरीक्षण किया और मुख्यमंत्री से निर्माण शुरू करने की मांग की। अब जाकर सच्चाई सामने आई है कि रोड निर्माण रोकने के पीछे हेमंत सरकार की भूमिका नहीं है। मुख्यमंत्री को भाजपा के ही कुछ नेताओं ने गुमराह किया। इसी राजनीति का रोड शिकार हो गया।
15 को तय होगा 8 लेन रोड का भविष्य
आठ लेन रोड का भविष्य जानने के लिए धनबाद वासियों को थोड़ा और इंतजार करना होगा। शुक्रवार को उपायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई। अब कमेटी की बैठक 15 सितंबर को होगी। इसमें तय होगा कि आठ लेन सड़क बनेगी या नहीं। हालांकि ज्यादातर संभावना है कि रोड निर्माण शुरू की अनुशंसा कमेटी की तरफ से की जाएगी। इसके आकार में कुछ बदलाव हो सकता है। 8 के बजाय 6 लेन बनाया जा सकता है।
निर्माण रोके जाने की पीछे की कहानी
सूत्रों की मानें तो भाजपा की आंतरिक राजनीति की वजह से आठ लेन का काम बंद हुआ। धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल के भाजपा के अंदर के विरोधियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत की थी कि इस सड़क के बनने से आम लोगों को कम कुछ खास लोगों का अधिक लाभ होगा। क्योंकि इस सड़क के बनने से दोनों ओर जमीन के दाम आसमान पर पहुंच जाएंगे। मेयर ने रोड के दोनों तरफ काफी जमीन खरीद रखी है। एक बार नहीं कई दफा इस तरह की शिकायत की गई। इसके बाद सीएम ने काम रोकवा दिया। इसके बाद जांच-पड़ताल शुरू हुई। सरकार के स्तर पर की गई पड़्ताल में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है। मेयर ने जमीन खरीद रखी है यह भी पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद फिर से अधूरे पड़े सड़क निर्माण शुरू करने की कवायद जारी है। यहां बता दें कि दैनिक जागरण ने अपने 12 जुलाई के अंक में प्रकाशित किया था कि नेताओं के टशन में 416 करोड़ की सड़क पर लगा ग्रहण। इसमें बताया गया था कि किस तरह से राजनीतिक दलों के आपसी टशन की वजह से सड़क का काम रुक गया है। आम लोगों को परेशानी हो रही है, पैसे की बर्बादी भी हो रही है।
आठ लेन नहीं चार लेन ही सड़क
लॉकडाउन में एक बार कुछ दिनों के लिए काम शुरू होने के बाद लगभग चार माह से आठ लेन का निर्माण है। वैसे तो इस सड़क को आठ लेन कहा जा रहा है, लेकिन वाकई में चार लेन ही है। इसके साथ दो सर्विस लेन और दो-दो साइकिल ट्रैक होने से यह आठ लेन हो जा रही है। अब 15 को उपायुक्त उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक होगी। इसमें नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार, सूडा उपनिदेशक, जुडको के महाप्रबंधक, साज के कार्यपालक अभियंता एवं उप परियोजना निदेशक शामिल होंगे। इस बैठक में आठ लेन सड़क के भविष्य का निर्णय होगा। सड़क बनेगी या नहीं, इस बात की समीक्षा होगी। कम लागत कर इसे बनाया जा सकता है, सड़क के कुछ हिस्सों में काटना है या फिर किसी और चीज की कटौती होनी है, इस पर गहन मंथन होगा। साइकिल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज को हटाया जा सकता है।
विश्व बैंक पोषित सड़क
यहां बता दें कि ४१७ करोड़ की विश्व बैंक पोषित इस सड़क की लागत पहले ही कम की जा चुकी है। यानी गोल बिल्डिंग से लेकर कांकोमठ तक यह सड़क अब ३३७ करोड़ रुपये में बनेगी। २२० करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इसमें से ६० करोड़ रुपये स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड यानी साज को स्थानांतरित किया जा चुका है। १६० करोड़ रुपये अभी भी जिले में पड़ा हुआ है। निर्माण के एवज में दोनों कंस्ट्रक्शन कंपनियों शिवालय कंस्ट्रक्शन कंपनी और त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन को लगभग नौ करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है।
फैक्ट फाइल
- 417 करोड़ रुपए में 337 करोड़ रुपये सड़क निर्माण पर खर्च-
- 42 करोड़ रुपये पानी पाइप,
- बिजली, टेलीफोन व अन्य पाइप की शिफ्टिंग में खर्च-
- ट्री प्लांटेशन में 5.91 करोड़ रुपये खर्च-
- भूली व आगे डिनोबिली स्कूल के समीप दो फुट ओवरब्रिज-
- एक बड़ा पुल, चार छोटा पुल व 41 कलवर्ट
- 20 किमी तक 45 मीटर चौड़ी आठ लेन सड़क बनाने की योजना-
- गोल बिल्डिंग से बिनोद बिहारी चौक (01 से 11.70 किमी) तक शिवालय कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही निर्माण-
- त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन बिनोद बिहारी चौक से कांको मठ (11.70 से 20 किमी) तक कर रही निर्माण