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Jharkhand: दुमका उपचुनाव से पहले विपक्ष की धार कुंद करने को मुख्यमंत्री ने चल दी गोटी, सिद्धो-कान्हू के वंशज रामेश्वर की मौत की होगी सीबीआइ जांच

राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के फैसले को दुमका विधानसभा उपचुनाव से जोड़ देखा जा रहा है। भाजपा मुर्मू की हत्या को मुद्दा बनाए हुए है। मुख्यमंत्री असहज महसूस कर रहे थे। रामेश्वर भोगनाडीह के रहने वाले थे। यह इलाका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट के तहत आता है।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 12:38 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 12:38 PM (IST)
Jharkhand: दुमका उपचुनाव से पहले विपक्ष की धार कुंद करने को मुख्यमंत्री ने चल दी गोटी, सिद्धो-कान्हू के वंशज रामेश्वर की मौत की होगी सीबीआइ जांच
दिवंगत रामेश्वर मुर्मू की हत्या की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर भोगनाडीह में धरना देते सिद्धो-कान्हू के वंशज-फाइल फोटो।

दुमका/ रांची, जेएनएन। साहिबगंज जिले के बरहेट थाना क्षेत्र में 12 जून को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई अमर शहीद सिद्धो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की मौत की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को इससे संबंधित प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। अब विभाग इससे आगे प्रक्रिया पूरी करेगा। राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के फैसले को दुमका विधानसभा उपचुनाव से जोड़ देखा जा रहा है। भाजपा मुर्मू की हत्या को मुद्दा बनाए हुए है। इसे लेकर मुख्यमंत्री असहज महसूस कर रहे थे। रामेश्वर मुर्मू भोगनाडीह के रहने वाले थे। यह इलाका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट के तहत आता है। रामेश्वर की माैत के बाद से अब तक मुख्यमंत्री परिजनों से मिलने नहीं गए हैं। 

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परिजनों ने लगाया था हत्यारे को बचाने का आरोप

रामेश्वर मुर्मू की मौत के बाद से ही विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों द्वारा इसकी सीबीआइ जांच कराने की मांग की जा रही थी। डीजीपी ने भी इससे संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा था। इस मुद्दे को लेकर भाजपा हमलावर थी। आने वाले दिनों में दुमका विधानसभा उपचुनाव होना है। मुख्यमंत्री के दुमका विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा देने के कारण उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव में भाजपा मुर्मू की माैत को मुद्दा बना रही थी। घटना को लेकर शहीद सिद्धो-कान्हू के परिजनों ने धरना देकर सरकार पर हत्यारों को बचाने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री द्वारा सीबीआइ जांच की स्वीकृति के बाद अब इस मुद्दे की धार कुछ हद तक कुंद हो जाएगी। 

17 जून, 2020 को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
मालूम हो कि रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के मामले में साहिबगंज के बरहेट थाना में 17 जून को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। प्राथमिकी भोगनाडीह निवासी सिद्धो-कान्हू के वंशज कपरो किस्कू के बयान पर दर्ज की गई थी। घटना के बाद से रामेश्वर मुर्मू के स्वजन भी सीबीआइ जांच की मांग पर अड़े थे। इस बाबत स्वजनों ने धरना भी दिया था। प्राथमिकी के अनुसार रामेश्वर मुर्मू 12 जून को महुआ दारू पीने के लिए निकले थे। इस दौरान उन्होंने एक युवती से छेडख़ानी कर रहे सद्दाम नामक युवक को रोका था। इसपर  दोनों में बहस हो गई थी। इसके बाद  सद्दाम ने हत्या की धमकी दी थी। इसके बाद रामेश्वर मुर्मू को शव बरामद हुआ था। स्वजनों का आरोप है कि रामेश्वर को अकेला पाकर सद्दाम ने लाठी से पीटकर उनकी हत्या कर दी।

एसआइटी के अलावा डीआइजी भी कर चुके हैं जांच
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर रामेश्वर मुर्मू हत्याकांड की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन किया गया था। इसके अलावा दुमका के रेंज डीआइजी से भी पूरे मामले की जांच कराई गई थी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से भी परिजन संतुष्ट नहीं थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रामेश्वर मुर्मू की मौत की वजह अत्यधिक शराब सेवन बताई गई है।


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