Chhath Puja 2020: लोक आस्था और श्रद्धा का महापर्व है छठ ! चार दिवसीय व्रत शुरू करने से पहले हजारों ने लगाई दामोदर में डुबकी
Chhath Puja 2020 दीपावली के बाद से ही लोग छठ महापर्व की तैयारी में जुटे हैं। इसकी शुरूआत 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ होगी। 19 को खरना होगा। इसके बाद 20 नवंबर को घाटों पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
धनबाद, जेएनएन। Chhath Puja 2020 श्रद्धा और लोक आस्था का महान पर्व छठ की भक्ति भाव में कोयलांचल डूबने लगा है। चारों तरफ छठ के गीत गूंज रहे हैं। नदी, तालाब, पोखर और डैम के घाटों पर साफ-सफाई चरम पर है। कहीं-कहीं घाटों पर छठी माई की वेदी बनाई जा रही है। बाजारों में छठ पूजा के लिए सामग्रियों की खरीदारी के लिए चहल-पहल है। इस बीच मंगलवार को हजारों लोगों ने दामोदर नदी में डूबकी लगाकर छठ व्रत से पहले खुद को पवित्र किया। दामोदर के मोहलबनी घाट पर अद्भुत नजारा देखने को मिला।
नहाय खाय से शुरू होगा चार दिवसीय छठ महापर्व
दीपावली के बाद से ही लोग छठ महापर्व की तैयारी में जुटे हैं। इसकी शुरूआत 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ होगी। 19 को खरना होगा। इसके बाद 20 नवंबर को घाटों पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 21 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व संपन्न होगा। अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य चढ़ाते हैं। इस दौरान व्रत करने वाले लगातार 36 घंटे का व्रत करते हैं। बीच में पानी भी ग्रहण नहीं करते। पूजा में पवित्रता का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इस व्रत को करने वाले लोग युद्धस्तर पर तैयारी में जुटे हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है।
बिहार, झारखंड और पूर्वांचल का सबसे बड़ा पर्व
छठ पूजा हिंदू धर्म में श्रद्धा, आस्था और पवित्रता का महापर्व है। यह दिवाली के 6 दिनों बाद मनाया जाता है। इस महापर्व को बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे संपूर्ण भारतवर्ष में प्रवासियों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा पुरुष-स्त्री एक समान रूप से मनाते हैं। छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना की जाती है। वेद पुराणों के मान्यता के अनुसार छठ देवी सूर्य देव जी की बहन हैं। छठ पर्व छठ देवी के साथ सूर्य देव को प्रसन्न करना अनिवार्य है।
छठ पूजा का महत्व
छठ पर्व कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिंदू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोक पर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, नेपाल के तराई क्षेत्र में मनाया जाता है। यह प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ विश्व भर में प्रचलित हो गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत के सूर्यवंशी राजाओं के मुख्य पर्व में एक था। कहा जाता है कि सम्राट जरासंध के पूर्वज को कुष्ठ रोग हो गया था। इस रोग से निजात पाने हेतु राज्य के ब्राह्मणों ने सूर्य देव की उपासना की थी। राजा के पूर्वज को रोग से छुटकारा मिल गया। इसके पश्चात छठ पर्व पूर्ण निष्ठा से किया जाता है। श्रद्धा भाव से करने पर संतान और धन की प्राप्ति होती है।
झारखंड सरकार की गाइडलाइन को नजरअंदाज कर हो रही तैयारी
कोरोना के मद्देनजर झारखंड सरकार ने नदी, तालाब, डैम घाटों पर छठ पूजा करने पर रोक लगा दी है। इसका वरोध हो रहा है। न सिर्फ विपक्ष के लोग बल्कि सत्ताधारी पार्टियों के प्रतिनिधि भी सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। दूसरी तरफ इस गाइडलाइन को नरजअंजाद कर तैयारी जारी है। घाटों की साफ-सफाई की जा रही है।