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केवल नारों के भरोसे समाज में नहीं आएगा बदलाव : गोविंदाचार्य

पूर्वी टुंडी अनुशासन निर्भीकता सामाजिकता व टीम वर्क कठिन से कठिन कार्य में भी आसान राह

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 08:30 PM (IST)
केवल नारों के भरोसे समाज में नहीं आएगा बदलाव : गोविंदाचार्य
केवल नारों के भरोसे समाज में नहीं आएगा बदलाव : गोविंदाचार्य

पूर्वी टुंडी : अनुशासन, निर्भीकता, सामाजिकता व टीम वर्क कठिन से कठिन कार्य में भी आसान राह निकाल देते हैं। टीम वर्क में दूसरे को सहयोग करने की भावना रखने की जरूरत होती है। व्यक्तिगत एजेंडे से बाहर निकलना होता है, तभी टीम का भला होता है। नारों का उपयोग एक सीमित शक्ति के उपयोग के लिए होता है। उससे बड़े बदलाव की उम्मीद करना बेमानी होगी और केवल नारों के भरोसे बदलाव नहीं आएगा। यह बातें राष्ट्रवादी चितक केएन गोविदाचार्य ने शनिवार को शहराज स्थित चेतना महाविद्यालय में शिक्षा विकास संगम चितन शिविर के दौरान कही। उन्होंने कहा कि समाज में अच्छा काम बहुत हो रहा है। बस उसे समेटने की जरूरत है। इसके लिए संवाद किया जाना चाहिए। समाज में बदलाव उतना ही होगा जितना बदलाव समाज चाहता है। छोटे मन से बड़े काम नहीं होते। बड़े काम के लिए बड़े मन की जरूरत है। मन तब बड़ा होगा जब हम आत्म निरीक्षण करेंगे। हर अक्षर में मंत्र, हर वनस्पति में औषधि और हर मनुष्य में योग्यता है। बस उसे परखने की आवश्यकता है। गोविदाचार्य ने कहा कि नजरिया बदलने पर इंसान बदल जाता है। हमें गुणों का उपयोग करना सीखना चाहिए और दोषों को छोड़ने की जरूरत है। इसके लिए अपने प्रति कठोर और दूसरों के प्रति उदार बनने की आवश्यकता है। हम अपनी गलतियों पर कठोरता से विचार करें और दूसरों की गलतियों को माफ करना सीखें। इससे पूर्व शिक्षा विकास संगम के दूसरे सुबह के सत्र में विभिन्न संस्थाओं से भाग लेने पहुंचे प्रतिभागियों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा की। इसमें विद्या दान की भावना, समाज में गोष्ठी, शिक्षकों से संवाद, शिक्षकों से मित्रता, समाज में जनसंपर्क जैसे सुझाव दिए गए। दोपहर के सत्र में दिगंत पथ के संस्थापक शैलेंद्र सिंह ने कहा कि समाज के सहयोग का ही परिणाम यह चेतना महाविद्यालय है।

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विश्वनाथ हांसदा, देव कुमार वर्मा, विकेश कुमार सिंह, कमल नयन, प्रतुल्य चंद्र दत्ता, प्रजापति कुमार आदि ने अपने विचार रखे। मंच संचालन किरीट चौहान ने किया। मौके पर समाजसेवी विजय झा, जिटा के महासचिव राजीव शर्मा, प्रसून हेंब्रम, रमेश रूज, तुरसा बेसरा, सुबोधन मुर्मू, हजरत अली, रूपलाल हेंब्रम, पदो मरांडी, गणेश मुर्मू आदि मौजूद थे


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