सिंफर के सेवानिवृत्त विज्ञानी व उनकी टीम ने विकसित किया स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोल सिस्टम
सेवानिवृत्त सिंफर विज्ञानी सह अध्यक्ष इनोवेशन फॉर सोसाइटी के डॉ. कमल शर्मा ने बताया कि इससे यातायात व्यवस्था को काफी हद तक दुरुस्त किया जा सकता है। इसे और अपग्रेड किया जाएगा ताकि नियम तोड़ने वाले के घर तक जुर्माने की पर्ची भेजा जा सके।
तापस बनर्जी धनबाद। केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के सेवानिवृत्त विज्ञानी ने अपनी टीम के सहयोग से स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोल सिस्टम विकसित किया है। इससे सिग्नल पर नियम तोड़ने वालों की तुरंत पहचान हो जाएगी। जैसे ही कोई चालक लाल सिग्नल के बावजूद गाड़ी आगे बढ़ाएगा तो चेतावनी घंटी बजने लगेगी और उसका क्रियाकलाप कैमरे में तस्वीर कैद हो जाएगा। सेवानिवृत्ति के बाद भी विज्ञानी डॉ. कमल शर्मा शोध-अनुसंधान से जुड़े है। इसके लिए उन्होंने इनोवेशन फॉर सोसाइटी बनाई है।
ऐसे काम करेगा यह सिस्टम: सेवानिवृत्त विज्ञानी डॉ. कमल शर्मा बताते हैं कि स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोल सिस्टम पूरी तरह स्वचालित है। इसमें ट्रैफिक लाइट के साथ सेंसर और बजर लगाया गया है। चौक-चौराहे पर सीमा तय की जाएगी। रेखा बनाई जाएगी। लाल बत्ती के दौरान आगे बढ़ने पर घंटी बजेगी। इसकी निगरानी कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल से की जा सकता है। सिस्टम को तैयार करने में लगभग 15 हजार रुपये खर्च हुए। इसे अपग्रेड किया जा सकता है। वैसे कई महानगरों में इस सिस्टम में कैमरे लगे हैं, लेकिन अलार्म नहीं है। धनबाद जैसे शहरों के लिए यह काफी उपयुक्त होगा। वे कहते हैं इसे विकसित करने का मकसद लोगों को डराना नहीं, बल्कि अनुशासन के प्रति प्रेरित करना है। लोग अनुशाषित होंगे तो नियमों का भी पालन करेंगे। इससे दुर्घटनाओं में भी कमी आ सकती है।
टीम में कौन-कौन : इसे विकसित करने में सिंफर के सेवानिवृत्त विज्ञानी डॉ. कमल शर्मा के अलावा अपर्णा शी, कृतिका रॉय, प्रेमचंद महतो और संजीत कुंभकार शामिल हैं।