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IIT-ISM की नैनो टेक्नोलॉजी 'कोरोनारोधी कवच' पर काम करेगी केंद्र सरकार, PM Modi ने सराहा

दैनिक जागरण के 29 मई के अंक में राइजिंग इंडिया कैंपेन में कपड़ों पर जादुई कोटिंग से मरेगा कोरोना खबर प्रकाशित हुई थी। पीएम मोदी ने मन की बात और पीयूष गोयल ने इसे सराहा है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 09:34 AM (IST)
IIT-ISM की नैनो टेक्नोलॉजी 'कोरोनारोधी कवच' पर काम करेगी केंद्र सरकार, PM Modi ने सराहा
IIT-ISM की नैनो टेक्नोलॉजी 'कोरोनारोधी कवच' पर काम करेगी केंद्र सरकार, PM Modi ने सराहा

धनबाद, [आशीष सिंह]। आइआइटी आइएसएम के वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव को पॉलीमेरिक सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग बनाई है। इस कोरोनारोधी कवच की जादुई कोटिंग से आपके कपड़ों के संपर्क में आते ही वायरस, जीवाणु और कवक जैसे खतरनाक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाएंगे। नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित आइआइटी आइएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) की तकनीक कोरोना समेत भविष्य के तमाम वायरस का खात्मा करेगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्री भी इसके कायल हो चुके हैं। पीएम ने तो दो दिन पहले सोमवार को मन की बात अपडेट्स में इस तकनीक की जमकर तारीफ भी की। मन की बात के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसे अपडेट भी किया गया। केंद्रीय रेल एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने तो बाकायदा इस तकनीक के वीडियो फुटेज के साथ ट्वीट किया।

एमएचआरडी ने आइएसएम प्रबंधन से संपर्क कर इसकी सराहना करते हुए बधाई दी और इस पर काम करने का संकेत भी दिया। आइएसएम की इस तकनीक को देशभर से रूबरू कराने का काम दैनिक जागरण ने राइजिंग इंडिया कैंपेन (जीतेगा भारत हारेगा कोरोना) के जरिए किया। जागरण ने इस अभियान के तहत 29 मई के अंक में 'कपड़ों पर जादुई कोटिंग से मरेगा कोरोना' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।

यह भी पढ़ें : Rising India: जादुई कोटिंग से आपके कपड़े बन जाएंगे 'कोरोना रोधी कवच'

दरअसल आइआइटी आइएसएम के वैज्ञानिकों ने विशुद्ध स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर नैनो प्रौद्योगिकी के सहारे पॉलीमेरिक सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग तैयार की है। इस परत को कपड़ों पर लगा दिया जाए तो उसके संपर्क में आने वाला वायरस, जीवाणु, फंफूदी जैसे सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाएंगे। कोरोना वायरस जैसे सूक्ष्मजीवों को भी नष्ट करने की इसमें क्षमता है।

सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग बनाने वाले आइएसएम के रसायन अभियंत्रण विभाग के प्रो. आदित्य कुमार बताते हैं कि कई परीक्षणों के बाद इसे तैयार करने में सफलता मिली है। कोरोना कपड़े, प्लास्टिक, मेटल सहित किसी भी सतह पर जीवित रहता है। ऐसे में यह परत कोरोना से भी बचाव में कारगर होगी। इस तकनीक का पेटेंट कराने पर काम चल रहा है।

भारत सरकार इस तकनीक पर करेगी काम

आइएसएम की 'कोरोनारोधी कवच' कपड़ों की जादुई कोटिंग वाली नैनो टेक्नोलॉजी पर भारत सरकार  काम करेगी। नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित आइआइटी आइएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) की तकनीक कोरोना समेत भविष्य के तमाम वायरस का खात्मा करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्री भी इसकी तारीफ कर चुके हैं। पीएम के मन की बात अपडेट्स में इस तकनीक की जमकर तारीफ की गई। मन की बात के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसे अपडेट भी किया गया। रेल एवं केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट के जरिए आइआइटी आइएसएम के नैनो टेक्नोलॉजी में शोध की सराहना की है। दैनिक जागरण ने इस तकनीक से संबंधित खबर राइजिंग इंडिया के तहत देश भर में प्रकाशित की थी।

  • मैजिकल कोटिंग! आइआइटी आइएसएम धनबाद के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी कोटिंग तैयार की है, जिसकी परत अगर कपड़ों पर लगा दी जाए तो उससे वायरस, जीवाणु जैसे सूक्ष्मजीव खुद नष्ट हो जाएंगे और इस कोटिंग से युक्त कपड़े पीपीई की तरह काम करने लगेगा।- पीएम नरेंद्र मोदी, मन की बात अपडेट्स (15 जून, सुबह 11:34)
  • आइआइटी आइएसएम धनबाद ने नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग से ऐसी कोटिंग तैयार की है, जिसके संपर्क में आने से वॉयरस और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। इस कोटिंग से कपड़ों को पीपीई जैसा उपयोगी बनाया जा सकता है। यह अधिक सुविधाजनक होने के साथ ही सुरक्षित भी होगा। -रेल मंत्री पीयूष गोयल का ट्वीट।
  • कोविड-19 से बचाव के लिए नवाचार : आइआइटी आइएसएम धनबाद के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी कोटिंग तैयार की है, जिसकी कपड़ों पर अगर परत लगा दी जाए तो उससे वायरस, जीवाणु जैसे सूक्ष्मजीव खुद नष्ट हो जाएंगे और इस कोटिंग से युक्त कपड़े पीपीई की तरह काम करने लगेगा। - पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय वस्त्र और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का रीट्वीट
  • पीएम ने मन की बात और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट के जरिए देशभर में इस तकनीक की तारीफ की। एमएचआरडी ने संस्थान से संपर्क किया है। बधाई देते हुए इस तकनीक पर काम करने के संकेत भी दिए हैं। हमारे इस प्रयोग को आगे ले जाने में दैनिक जागरण का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। देशभर में यह खबर प्रकाशित करने के लिए दैनिक जागरण का धन्यवाद।- प्रो.राजीव शेखर, निदेशक आइआइटी आइएसएम

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