Coal Industry में 100 फीसद FDI से बैकफुट पर केंद्र सरकार, BMS मान रही अपनी जीत Dhanbad News
BMS महामंत्री घुर्डे ने सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए इसे भामसं की जीत बताई। उन्होंने हड़ताल को पूरी तरह सफल करार देते हुए इसमें सहभागिता के लिए कार्यकर्ताओं का आभार जताया।
धनबाद, जेएनएन। कोयला क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआइ प्रभावी नहीं होगा। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के इस आश्वासन के बाद भारतीय मजदूर संघ (भामसं) से संबद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (अभामसं) ने पांच दिवसीय हड़ताल को बुधवार को तीसरे ही दिन समाप्त कर दिया।
अभामसं के राष्ट्रीय महामंत्री सुधीर घुर्डे ने हड़ताल समाप्त करने की जानकारी पत्र जारी कर दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्राद जोशी की भामसं के माइनिंग उद्योग प्रभारी डॉ. बसंत कुमार राय के साथ वार्ता हुई। मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि 100 फीसद डाइरेक्ट फॉरेन इन्वेस्टमेंट (एफडीआइ) कोयला क्षेत्र में प्रभावी नहीं होगा। उनके आश्वासन के बाद संघ ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया।
घुर्डे ने सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे भामसं की जीत बताई। उन्होंने हड़ताल को पूरी तरह सफल करार देते हुए इसमें सहभागिता के लिए कार्यकर्ताओं का आभार जताया। बता दें कि भामसं कोयला उद्योग में 100 फीसद एफडीआइ के खिलाफ 23 सितंबर से हड़ताल पर था। 24 को संयुक्त मोर्चा ने भी हड़ताल की थी जिसका कोयला क्षेत्र पर व्यापक असर पड़ा था। ईसीएल, सीसीएल व बीसीसीएल समेत कोल इंडिया की अन्य इकाइयों में उत्पादन व डिस्पैच ठप हो गया था। विभागीय व आउटसोर्सिंग से खनन करने वाली तमाम खदानों में कामकाज ठप रहा था। सिर्फ जरूरी सेवाएं ही जारी रखी जा सकी थीं। कोल इंडिया चेयरमैन अनिल कुमार झा ने भी माना था कि हड़ताल का असर रहा। करीब 75 फीसद उत्पादन और डिस्पैच प्रभावित रहा।
कोयला मंत्री का आश्वासन कोयला उद्योग में FDI के मुद्दे पर केंद्र सरकार के बैकफुट पर जाने के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि स्पष्ट रूप से आने वाले दिनों में केंद्र सरकार के कदम को देखकर ही कुछ कहा जा सकता है।