Rupa Tirkey Suicide Case: पोस्टमार्टम में साहिबगंज पुलिस और डाक्टरों की सीबीआइ ने पकड़ी बड़ी गलती, एम्स के चिकित्सकों से मंतव्य लेने की तैयारी
Rupa Tirkey Suicide Case 3 मई 2021 को तब की साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की का शव उसके सरकारी आवास में लटकता हुआ मिला था। पुलिस ने आत्महत्या का मामला बताया। स्वजन इसे मानने को तैयार नहीं। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ जांच हो रही है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। साहिबंगज की तत्कालीन महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की आत्महत्या केस में पुलिस और डाक्टरों ने बड़ी गलती की है। यह गलती सीबीआइ ने पकड़ी है। हालांकि यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि यह साजिश है या महज संयोग। इस मुद्दे पर पुलिस और डाक्टरों के पक्ष से सीबीआइ संतुष्ट नहीं है। सीबीआइ विशेषज्ञ चिकित्सकों से मंतव्य लेने की तैयारी कर रही है। एम्स दिल्ली से भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर राय ली जा सकती है। हाई कोर्ट रांची के आदेश पर तिर्की आत्महत्या केस की सीबीआइ जांच कर रही है।
क्यों नहीं सुरक्षित रखा बिसरा ?
सीबीआइ अधिकारियों ने साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की के शव का पोस्टमार्टम करनेवाले चिकित्सकों से पूछताछ की है। यह पूछताछ सदर अस्पताल परिसर में स्थित वेयर हाउस में हुई। इस दौरान सीबीआइ अधिकारियों ने डा. मोहन पासवान, डा. इकबाल व डा. रणविजय कुमार से कई सवाल पूछे। बिसरा सुरक्षित न रखने का कारण भी पूछा। दो परिस्थिति में बिसरा सुरक्षित रखा जाता है। एक-पुलिस ऐसा करने के लिए डाक्टरों से अनुरोध करती है। दूसरा-खुद डाक्टर निर्णय लेते हैं। रूपा तिर्की आत्महत्या केस संवेदनशील होते हुए भी बिसरा सुरक्षित नहीं रखा गया। इसके लिए न तो पुलिस और न ही डाक्टरों ने पहल की।
डाक्टरों के जवाब से संतुष्ट नहीं सीबीआइ
सूत्रों की मानें तो चिकित्सकों ने बताया कि मौत का कारण स्पष्ट था इसलिए बिसरा सुरक्षित नहीं रखा गया। इसके अलावा भी कई सवाल पूछे। सीबीआइ ने बुधवार को ही तीनों चिकित्सकों को पूछताछ के लिए सदर अस्पताल में स़ुबह 10.30 बजे मौजूद रहने के लिए कहा था। गुरुवार को करीब 11 बजे चिकित्सकों से पूछताछ शुरू हुई जो ठीक दो बजे तक चली।
तीन मई को सरकारी आवास में मिला था रूपा का शव
तीन मई 2021 को महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की का शव उसके सरकारी क्वार्टर में फांसी से लटका मिला था। अगले दिन यानी चार मई को सिविल सर्जन डा. अरविंद कुमार द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने सदर अस्पताल में दंडाधिकारी संजय कुमार की मौजूदगी में उसके शव का पोस्टमार्टम किया था। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। नौ सितंबर से सीबीआइ यहां जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि अब तक की रिपोर्ट मुख्यालय समर्पित कर सीबीआइ के सदस्य कुछ दिनों की छुट्टी पर चले जाएंगे। दुर्गा पूजा के बाद पुन: जांच शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि सीबीआइ अब तक काई लोगों से पूछताछ कर चुकी है।