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CMPF Scam: जिंदा को मुर्दा और मुर्दा को जिंदा बता गबन की राशि, सीबीआइ ने शुरू की जांच

कोयला मंत्रलय ने इसे गंभीरता से लेते हुए भुगतान राशि रिकवर करने का आदेश दिया है। रीजनल आयुक्त सहित पांच लोगों को कोयला मंत्रलय के आदेश पर चार्जशीट भी जारी की गई है।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 08:19 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 08:19 AM (IST)
CMPF Scam: जिंदा को मुर्दा और मुर्दा को जिंदा बता गबन की राशि, सीबीआइ ने शुरू की जांच
CMPF Scam: जिंदा को मुर्दा और मुर्दा को जिंदा बता गबन की राशि, सीबीआइ ने शुरू की जांच

धनबाद, जेएनएन। मुगमा एरिया के 19 कोल कर्मचारियों का सीएमपीएफ फर्जी तरीके से निकालने की जांच सीबीआइ ने शुरू कर दी है। आसनसोल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के नॉन इफेक्टिव खाते से रुपये निकाले गए थे। मामला तीन माह से लंबित था। प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआइ बंगाल सरकार से इजाजत लेकर प्राथमिकी की कार्रवाई करेगी। इसी सप्ताह जांच शुरू हुई है।

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मंत्रलय के आदेश पर वसूली

कोयला मंत्रलय ने इसे गंभीरता से लेते हुए भुगतान राशि रिकवर करने का आदेश दिया है। रीजनल आयुक्त सहित पांच लोगों को कोयला मंत्रलय के आदेश पर चार्जशीट भी जारी की गई है। 19 मामले में दो करोड़ की निकासी की गई। पहला मामला नौ लोगों का था जिसमें एक करोड़ 12 लाख रुपये निकाले गए। दूसरा मामला 10 लोगों का था। इसमें 88 लाख रुपये का भुगतान हुआ। इस खेल में कोलियरी प्रबंधन के साथ-साथ सीएमपीएफ क्षेत्रीय कार्यालय में बैठे क्षेत्रीय आयुक्त की मिलीभगत का खुलासा हुआ है।

मृत को जिंदा व जिंदा को मृत बताकर निकाली राशि

मामला और भी दिलचस्प है। ईसीएल में कोलियरी प्रबंधन ने कोई क्लेम सेटेलमेंट नहीं भेजा। कोलियरी स्थित दलाल व आसनसोल रीजनल ऑफिस के अधिकारी व कर्मचारी ने ही आवेदन से लेकर प्रमाण पत्र के कागजात बढ़ाकर राशि हड़पने का काम किया। सारे कागजात रीजनल कार्यालय से ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मिलीभगत कर बनाए। दो चरणों में भुगतान हुआ। पीएफ राशि उठाने के बाद फर्जी तरीके से पेंशन भी चालू कर दी गई।

विजिलेंस जांच के दौरान पता चला कि चापापुर कोलियरी में सुबोदी मंङिायान, पति स्व. राजू माझी की मृत्यु कई साल पहले हो गई मगर पीएफ के दलालों ने उनको जीवित बनाकर बैंक ऑफ इंडिया, निरसा शाखा में खाता खोल दिया। इसके बाद फर्जी फाइल बनाकर सीएमपीएफ आसनसोल भेज कर पास करवा लिया। सबसे आश्चर्य की बात है कि 2004 के बाद इस मद में पीएफ अंशदान का कोई पैसा जमा नहीं हुआ, लेकिन आसनसोल के क्षेत्रीय कार्यालय ने इस मद में सीएमपीएफ फंड से ही भुगतान कर उसको अपडेट कर दिया।

इनके नाम से निकाला फंड

  • अशोक भुईयां, चापापुर कोलियरी
  • मांगाराम मांझी, कुमारधुबी कोलियरी
  • सितुवा भुईयां, श्रमिक, चापापुर कोलियरी
  • जिमाली मंझिआइन, राजपुरा कोलियरी
  • श्यामलाल, बारामुड़ी कोलियरी
  • मंगोली मंझिआइन, चापापुर कोलियरी

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