धनबाद जज हत्याकांड: हाई कोर्ट में सुनवाई से पहले सीबीआइ ने बदली जांच टीम, जानिए वजह
Dhanbad Judge Murder Case धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्या मामले की सुनवाई 28 जनवरी को हाई कोर्ट रांची में होनी है। इससे पहले सीबीआइ ने बड़ा कदम उठाया है। पूरी जांच टीम बदल गई है। 21 जनवरी को सुनवाई के दाैरान हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। Dhanbad Judge Murder Case जज उत्तम आनंद हत्या केस की जांच प्रगति रिपोर्ट पर हाई कोर्ट रांची में सुनवाई से पहले सीबीआइ ने बड़ा कदम उठाया है। जांच में लगी सीबीआइ की दिल्ली क्राइम ब्रांच की पूरी जांच टीम ही बदल दी गई है। जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ के धुरंधर और धनबाद के माफिया घरानों की गतिविधियों से परिचित अधिकारियों की दी गई है। नई टीम ने धनबाद पहुंचकर अपना काम शुरू भी कर दिया है। सीबीआइ की जांच के ताैर-तरीकों पर हाई कोर्ट द्वारा बार-बार सवाल उठाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। अब देखना सीबीआइ जज उत्तम आनंद हत्याकांड में अपनी साख किस तरह बचाती है। नए टीम के सामने सीबीआइ की साख बचाने की चुनौती है। इस मामले की 28 जनवरी को हाई कोर्ट रांची में सुनवाई है।
21 को हुई सुनवाई के दाैरान हाई कोर्ट खारिज क थी सीबीआइ की कहानी
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में 21 जनवरी को धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या मामले में सुनवाई हुई थी। अदालत ने सीबीआइ जांच पर असंतोष जताते हुए मोबाइल लूटने के लिए हत्या का तर्क खारिज कर दिया। सीबीआइ की प्रगति रिपोर्ट देखकर कहा- ऐसा प्रतीत होता है कि वह इस मामले से अब थक गई है और इससे पीछा छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है। अदालत ने दोनों आरोपितों की नार्को टेस्ट रिपोर्ट पढ़कर सुनाई। इसमें यह निष्कर्ष दिया गया है कि किसी ने उन्हें जज को मारने का काम सौंपा था। सीबीआइ ने इस रिपोर्ट से सहमति भी जताई। इसके बाद अदालत ने कहा- रिपोर्ट से यही प्रतीत हो रहा है कि दोनों आरोपित जज को पहले से जानते थे। घटना को अंजाम देने के लिए उन्होंने जज की रेकी की थी। घटना के वक्त जज के पास मोबाइल नहीं था। ऐसे में सीबीआइ की यह थ्योरी नहीं चलेगी कि मोबाइल छीनने के लिए हत्या की गई है।
28 जुलाई को हुई थी धनबाद के जज उत्तम आनंद की माैत
इससे पहले सीबीआइ की ओर से कोर्ट में एक मैप पेश किया गया, जिसमें जज के मार्निंग वाक का डिटेल था। सीबीआइ की ओर से बताया गया कि जिस स्थान पर जज मार्निंग वाक कर रहे थे, वह पूरा क्षेत्र सीसीटीवी कैमरे की जद में था। घटना के समय उस लोकेशन में जितने भी मोबाइल फोन सक्रिय थे, सभी की जांच की गई, लेकिन किसी में भी आरोपितों के साथ बात होने का सबूत नहीं मिला। अगली सुनवाई 28 जनवरी को निर्धारित की गई।
नई टीम में मुकेश शर्मा शामिल
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ की नई जांच टीम में डीएसपी मुकेश शर्मा को शामिल किया गया है। शर्मा धनबाद से परिचित हैं। उन्होंने साल 2002 में हुए कोयला व्यवसायी प्रमोद सिंह हत्याकांड की जांच की थी। शर्मा ने एनएचएआइ के बहुचर्चित इंजीनियर सत्येंद्र दुबे हत्याकांड की जांच की थी और मामले का खुलासा किया था। सीबीआइ ने पहले जो जांच टीम बनाई थी उसमें एएसपी विजय कुमार शुक्ला आइओ थे। बुधवार सीबीआइ की जांच टीम में शामिल पुराने और नए अधिकारियों ने घटनास्थल धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक का मुआयना किया। इस दाैरान सीबीआइ के डीआइजी और एसपी भी माैजूद थे।