Coal Smuggling: धनबाद के चोरों और सफेदपोशों से पश्चिम बंगाल के कोयला माफिया लाला का लिंक, सीबीआइ की दबिश
CBI की ताबड़तोड़ दबिश के बाद भी लाला अब तक हाथ नहीं लगा है। आधा दर्जन वाहनों का काफिला सबसे पहले देवियाना गांव के समीप बैजना कोलियरी बंद खदान गया। यहां अवैध उत्खनन स्थल को देखा। चापापुर कोलियरी कीबंद खदान पर भी टीम गई।
निरसा, जेएनएन। पश्चिम बंगाल को कुख्यात कोयला माफिया अनूप माजी उर्फ लाला अब तक सीबीआइ की पकड़ से दूर है। उसके लिए झारखंड में काम करने वाले और उससे लाभ लेने वाले सफेदपोशों की कमी नहीं है। इसमें धनबाद के कई बड़े कोयला चोर शामिल हैं तो कुछ जनप्रतिनिधि भी। सीबीआइ ने लाला के झारखंड कनेक्शन की भी जांच शुरू कर दी है। इस सिलसिले में सीबीआइ की एक टीम ने धनबाद के निरसा क्षेत्र में जांच कर रही है। कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई ईसीएल के अधिकारियों से मिलकर सूचनाएं प्राप्त की। साथ ही कई कोयला खदानों का भी निरीक्षण किया। इन खदानों से बड़े पैमाने पर तस्कर कोयला निकलवाते हैं। लाला के गिरोह के माध्यम से कोयले की तस्करी करवाते हैं। झारखंड में लाला कनेक्शन की सीबीआइ जांच से सफेदपोशों में हड़कंप मच गया है।
सीबीआइ और कोयला तस्कर अनूप माजी उर्फ लाला ( फाइल फोटो)
अवैध कोयला खदानों को देख सीबीआइ की टीम हतप्रभ
सीबीआइ मुख्यालय, बंगाल के अधिकारियों की एक टीम सोमवार को ईसीएल के मुगमा एरिया पहुंची। टीम यहां कोयला माफिया अनूप माजी उर्फ लाला के कनेक्शन खोजने आई थी। उससे कौन कौन लोग जुड़े थे, यहां अवैध खनन कहां-कहां होता है, इसकी पड़ताल की। बैजना, चापापुर, भालुकसुंधा कोलियरी क्षेत्र में जगह जगह अवैध खनन के लिए बने मुहाने को देख अधिकारी हतप्रभ दिखे। सीबीआइ टीम के साथ इसीएल साकतोडिय़ा मुख्यालय के विजिलेंस अधिकारी, सीएमपीडीआइ व सीआइएसफ अधिकारी, मुगमा एरिया के एजीएम पीके राय, सुरक्षा अधिकारी गोविंद मिश्रा, सुरक्षा अधिकारी विनीत कुमार भी थे।
लाला के गुर्गे निरसा क्षेत्र में कराते अवैध खनन
निरसा थाना क्षेत्र में पिछले साल अवैध कोयला लदे सात ट्रक पकड़े गए थे। निरसा पुलिस ने अनूप माजी उर्फ लाला, अल्लाहरखा सहित अन्य कोयला तस्करों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी। लाला के गुर्गे इस इलाके में भी अवैध खनन कराते थे। स्थानीय तस्करों से भी इनकी साठगांठ थी। लाला के उन गुर्गों व स्थानीय करीबियों की तलाश में टीम लगी है। कई के बारे में टीम ने जानकारियां भी जुटा ली हैं। आधा दर्जन वाहनों का काफिला सबसे पहले देवियाना गांव के समीप बैजना कोलियरी बंद खदान गया। यहां अवैध उत्खनन स्थल को देखा। चापापुर कोलियरी कीबंद खदान पर भी टीम गई। साल 2002-2003 में ही यहां ओसीपी चली थी। यहां मुहाने भी भरे गए थे। बावजूद तस्करों ने इनको फिर खोल लिया। यह जानकारी ईसीएल प्रबंधन ने सीबीआइ को दी। बताया कि यहां 400 फीट नीचे उतर कर लोग अवैध उत्खनन करते हैं।
टीम के पास कोयला माफियाओं की पूरी जानकारी
टीम के पास क्षेत्र के नए पुराने कोयला माफियाओं की पूरी जानकारी थी। वे अवैध कोयला कारोबारी जो चापापूर, कुसुमकनाली, हरियाजाम, सिंहपुर, मुगमा, साहेबडंगाल में अवैध उत्खनन कराते हैं, माल कहां खपाते हैं, यह जानकारी भी टीम के पास थी। टीम के सदस्य सदस्य बार-बार डायरी देख रहे थे। टीम के एक सदस्य ने बताया कि इलाके में कहां-कहां अवैध खदान संचालित हो रही हैं। यह देखने आए थे। अवैध खनन को रोकने के लिए प्रबंधन कैसे भराई कराता है इसका जायजा लिया है।