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ट्रक चालक को गोली मारने के मामले में धनबाद के पूर्व एसडीपीओ पर चलेगा मुकदमा

Jharkhand. धनबाद के बाघमारा में एसडीपीओ रहते हुए ट्रक चालक को गोली मारी थी। इंस्पेक्टर उमेश कच्छप पर गलत अनुसंधान का दबाव बनाया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 09:32 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 08:00 AM (IST)
ट्रक चालक को गोली मारने के मामले में धनबाद के पूर्व एसडीपीओ पर चलेगा मुकदमा
ट्रक चालक को गोली मारने के मामले में धनबाद के पूर्व एसडीपीओ पर चलेगा मुकदमा

रांची, राज्य ब्यूरो। बाघमारा के पूर्व एसडीपीओ मजरूल होदा (निलंबित) पर एक साजिश के तहत जानलेवा हमला, आर्म्‍स एक्ट आदि की धाराओं में मुकदमा चलाने की तैयारी है। सीआइडी की रिपोर्ट में दोषी मिले एसडीपीओ (सब डिवीजनल पुलिस ऑफिसर) के विरुद्ध गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने विधि विभाग से परामर्श मांगा है। विधि विभाग की अनुमति मिलने के बाद एसडीपीओ पर संबंधित धाराओं में मुकदमा चलाने के लिए सीआइडी को अनुमति मिल जाएगी।

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मामला एक ट्रक चालक को गोली मारकर उसके पास गलत तरीके से हथियार प्लांट करने से संबंधित है। इस मामले में ट्रक चालक पर ही प्राथमिकी दर्ज करा दी गई थी और तोपचांची के तत्कालीन इंस्पेक्टर उमेश कच्छप पर गलत अनुसंधान का दबाव बनाया गया था। प्रताडऩा से तंग आकर तनाव में इंस्पेक्टर उमेश कच्छप ने थाने में आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद सीआइडी को पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी मिली थी, जिसमें एसडीपीओ सहित अन्य पदाधिकारी पूरी घटना के लिए दोषी मिले हैं।

इन धाराओं में मुकदमा चलाने की है तैयारी

  • धारा 468 भादवि : गलत तरीके से छल करने के लिए दस्तावेज तैयार करना। इसमें सात वर्ष तक की सजा है।
  • धारा 471 भादवि : फर्जी दस्तावेज को बेइमानी कर असली के रूप में प्रस्तुत करना।
  • धारा 307 भादवि : किसी पर जान मारने के उद्देश्य से हमला करना।
  • धारा 120बी भादवि : दो या दो से अधिक व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचना।
  • धारा 201 भादवि : किसी अपराध को जान-बूझकर अंजाम देना।
  • धारा 34 भादवि : जब कोई अपराध सभी व्यक्तियों ने सामान्य उद्देश्य से किया है।
  • आम्र्स एक्ट : किसी अपराध में हथियार का इस्तेमाल किया गया हो।

पुलिस की दर्ज प्राथमिकी बाद में निकली मनगढ़ंत

धनबाद के हरिहरपुर के पूर्व थानेदार इंस्पेक्टर संतोष कुमार रजक के बयान पर तोपचांची थाने में 14 जून प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें मोहम्मद नाजीम उर्फ मोहम्मद नाजीर, मोहम्मद नफीस व मोहम्मद जाकीर पर पशु तस्करी व जानलेवा हमले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सभी आरोपित उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के नकासा थाना क्षेत्र स्थित संबल के रहने वाले थे।

बताया था कि तत्कालीन बाघमारा एसडीपीओ मजरूल होदा को मिली गुप्त सूचना पर उनके नेतृत्व में ही तोपचांची के अंचल निरीक्षक धीरेंद्र कुमार मिश्रा, तोपचांची थानेदार इंस्पेक्टर उमेश कच्छप (मृत) व तत्कालीन हरिहरपुर थानेदार इंस्पेक्टर संतोष कुमार रजक ने तोपचांची में ही जीटी रोड पर चेकिंग लगाई थी। चेकिंग में सात ट्रकों को क्षमता से अधिक जानवर लदे होने के कारण पकड़ा गया था। इन्हीं में एक ट्रक का चालक ट्रकों का लाइन तोड़ते हुए तेजी से भागने लगा, जिसे इंस्पेक्टर संतोष कुमार रजक ने ओवरटेक कर रोका। इसमें ट्रक चालक ने इंस्पेक्टर पर गोली चलाई। जवाबी कार्रवाई में ट्रक चालक जख्मी हुआ, इसके बाद खलासी व एक अन्य भी पकड़े गए।

सीआइडी के अनुसंधान में फर्जी मिली प्राथमिकी

सीआइडी की जांच में तोपचांची थाने में दर्ज प्राथमिकी मनगढ़ंत मिली। फॉरेंसिक विशेषज्ञों से भी हथियारों की जांच करवाई गई। पुलिस की बनाई हुई पूरी कहानी फर्जी मिली।

सीआइडी इनपर दाखिल कर चुकी है चार्जशीट

तत्कालीन एसडीपीओ बाघमारा मजरूल होदा, तत्कालीन हरिहरपुर थानेदार इंस्पेक्टर संतोष रजक, तत्कालीन तोपचांची अंचल के इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार मिश्रा, एसडीपीओ के अंगरक्षक मोहम्मद इरफान व चेतलाल रजक पर सीआइडी आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।

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