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World Breastfeeding Week: स्तनपान से मां और शिशु में बढ़ता है भावनात्मक लगाव, 1 घंटे का दूध पौष्टिक से भरा

World Breastfeeding Week डॉ ऋषभ ने बताया कि जन्म के समय माता का पीला गाढ़ा दूध नवजात के लिए वरदान से कम नहीं होता है। इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बच्चे के शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास के लिए जरूरी है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 03:06 PM (IST)
World Breastfeeding Week: स्तनपान से मां और शिशु में बढ़ता है भावनात्मक लगाव, 1 घंटे का दूध पौष्टिक से भरा
विश्व स्तनपान सप्ताह पर आयोजित कार्यशाला में बोलते एसएनएमएमसीएच के चिकित्सक ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। World Breastfeeding Week स्तनपान शिशु के साथ ही मां के लिए भी फायदेमंद होता है। सबसे बड़ी खासियत इसमें मां और शिशु के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ता है। यह भावनात्मक लगाव ही मां और शिशु के बीच अपनापन मजबूत होने का सबसे बड़ा कारण होता है। कोरोनावयरस के संक्रमण काल में अफवाह की वजह से संक्रमित प्रसूता अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पाती है, लेकिन यह गलत अवधारणा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सहित कई संस्थाओं ने कोरोना से संक्रमित प्रसूता को अपने बच्चे को दूध को पिलाना सही माना है। यह कहना है एसएनएमएमसीए धनबाद के नए अधीक्षक डॉ अरुण कुमार वर्णवाल का। वह सोमवार को मेडिकल कॉलेज के लेक्चरर हॉल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की सेमिनार में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्राचार्य डॉ शैलेंद्र कुमार उपस्थित थे।

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जन्म किस समय का पीला गाढ़ा दूध नवजात के लिए वरदान

मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ऋषभ कुमार राणा ने बताया कि जन्म के समय माता का पीला गाढ़ा दूध नवजात के लिए वरदान से कम नहीं होता है। इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होता है, जो बच्चे के शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास को मजबूती प्रदान करता है। यदि माता कोरोना से संक्रमित है, तो इसके बावजूद कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए, वह बच्चे को दूध पिला सकती है। इससे बच्चा संक्रमित नहीं होता है, ऐसा रिसर्च में भी स्पष्ट हो चुका है।

स्वास्थ्य विभाग मना रहा विश्व स्तनपान सप्ताह

फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की ओर से विश्व स्तनपान सप्ताह पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती और धात्री माताओं को स्तनपान को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इसमें आंगनबाड़ी कर्मी क्षेत्र की सहिया आदि को लगाया गया है। प्रत्येक सप्ताह 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। 


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