Camel Smuggling: तस्करों के हाथों से बचे तो तंत्र के जाल में फंसे, तड़प-तड़पकर अब तक 10 ऊंटों ने तोड़ा दम
Camel Smuggling फरवरी माह में वन विभाग की टीम ने गोकुलपुर स्थित चेकनाका के पास दो बार में 15 और 14 ऊंटों को जब्त किया था। इन ऊंटों को राजस्थान से लाया जा रहा था। इन्हें बांग्लादेश भेजने की तैयारी थी। विभाग के अनुसार अधिकतर बूढ़े हो गए हैं।
पाकुड़ [ गणेश पांडेय ]। गोकुलपुर चेकनाका से जब्त ऊंटों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग के लाख प्रयास के बाद भी ऊंट मर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि विभाग ऊंटों को चारा उपलब्ध नहीं करा रहा है, इसके बाद भी मौत झपट्टा मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। अबतक 10 ऊंटों की मौत हो चुकी है। 19 जीवित है, लेकिन उनकी भी हालात बेहतर नहीं कही जा सकती है। उन्हें बचाने के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लगे हैं। नियमित इलाज के लिए भ्रमणशील पशु चिकित्सक डा. कलीमुद्दीन को तैनात किया गया है। इधर ऊंटों की क्वारंटाइन अवधि 26 मई को ही खत्म हो गई। जिले में फंड की कमी के कारण ऊंटों को राजस्थान भेजने में परेशानी हो रही है।
राजस्थान से बांग्लादेश में होगी ऊंटों की तस्करी
फरवरी माह में वन विभाग की टीम ने गोकुलपुर स्थित चेकनाका के पास दो बार में 15 और 14 ऊंटों को जब्त किया था। इन ऊंटों को राजस्थान से लाया जा रहा था। इन्हें बांग्लादेश भेजने की तैयारी थी। विभाग के अनुसार अधिकतर बूढ़े हो गए हैं। शुरुआत में चार ऊंटों के मरने का कारण निमोनिया बताया गया था। विभाग अबतक इनके दाना पानी पर दो लाख से भी अधिक खर्च कर चुका है। उधार की राशि से बेजुबानों को चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। रेंजर अनिल कुमार सिंह की देखरेख में वन कर्मी प्रतिदिन ऊंटों को चारा खिला रहे हैं।
प्रशासन के पास फंड की कमी
जिला प्रशासन काफी दिनों से ऊंटों को राजस्थान भेजने की योजना बना रहा है। एक बड़े ट्रक में छह ऊंटों को लादा जा सकता है। तीन से चार ट्रक की आवश्यकता पड़ेगी। प्रशासन के अनुसार ऊंटों को राजस्थान भेजने में तीन से चार लाख रुपये का खर्च होंगे। प्रशासन के पास फंड का अभाव है। वन विभाग के अनुसार ऊंटों को एस्कॉट कर ले जाने का प्रावधान है। उसमें दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
मौत का कारण
अधिकतर ऊंट की बूढ़े हो जाने के कारण मृत्यु हुई है। उनकी उम्र समाप्त हो चुकी थी। 10 ऊंटों में से 4-5 ऊंट बूढ़े होने के साथ-साथ राजस्थान से लाने के क्रम में घायल भी हो गए थे। वन विभाग घायलों ं को बचाने का भरपूर कोशिश की, परंतु कोई फायदा नहीं हुआ। 10 ऊंटों में से पांच मार्च को मरे एक ऊंट काफी कमजोर हो गया था। बुढ़ापे के कारण उसके दांत झड़ गए थे। उसे समूह के एक दूसरे ऊंट ने धक्का मार दिया था।
फंड नहीं रहने के कारण ऊंटों को राजस्थान भेजने में परेशानी हो रही है। जिला प्रशासन लगातार इस प्रयास में है कि उन्हें शीघ्र ही राजस्थान भेज दिया जाए।
-रजनीश कुमार, डीएफओ, पाकुड़