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Farmers Movement: पंजाब नहीं जा रही झारखंडी बीड़ी, गर्म कपड़े लाने में छूट रहा कारोबारियों को पसीना

लुधियाना और अमृतसर तक जानेवाली ट्रेनों को बीच रास्ते में रोक दिए जाने से सामान भेजने और मंगवाने में काफी परेशानी हो रही है। सर्दियों में लुधियाना से लाखों के गर्म कपड़े झारखंड आते हैं। ट्रेन से बुकिंग होने के तीन दिनों में सामान पहुंच जाते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 12:55 PM (IST)
Farmers Movement: पंजाब नहीं जा रही झारखंडी बीड़ी, गर्म कपड़े लाने में छूट रहा कारोबारियों को पसीना
रेल परिचालन को रोक पंजाब के किसान आंदोलन कर रहे हैं।

धनबाद, जेएनएन। पंजाब में एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा किसानों का आंदोलन यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। अब कारोबार पर भी असर डाल रहा है। किसान आंदोलन को लेकर रेलवे ने एक बार फिर ट्रेनों को अंबाला तक चलाने और देशभर की कई रूटों की ट्रेनों रद करने की घोषणा कर दी है। 16 नवंबर को हावड़ा से अमृतसर जानेवाली पार्सल स्पेशल ट्रेन को दिल्ली तक चलाने का निर्णय लिया गया है। 15 की रात खुली धनबाद-फिरोजपुर लुधियाना एक्सप्रेस (गंगा-सतलज) को अंबाला तक चलाने का निर्णय लिया गया है। इस वजह से 17 नवंबर को वापसी में भी ट्रेन अंबाला से ही लौटेगी। 17 को चलने वाली कोलाकाता-अमृतसर दुर्गियाना एक्सप्रेस भी प्रभावित रहेगी।

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लुधियाना और अमृतसर तक जानेवाली ट्रेनों को बीच रास्ते में रोक दिए जाने से सामान भेजने और मंगवाने में काफी परेशानी हो रही है। सर्दियों में लुधियाना से लाखों के गर्म कपड़े झारखंड आते हैं। ट्रेन से बुकिंग होने के तीन दिनों में सामान पहुंच जाते हैं। अब लुधियाना तक ट्रेन नहीं जाने से कारोबारियों को सड़क मार्ग का विकल्प चुनना पड़ रहा है। इससे किराया भी अधिक चुकाना पड़ रहा है और तीन दिन में आनेवाला सामान 15 दिनों में पहुंच रहा है। इतना ही नहीं हरियाणा और पंजाब के लोग झारखंड़ी बीड़ी के भी शौकीन हैं। उनके लिए धनबाद से खुलने वाली लुधियाना एक्सप्रेस  से बड़े पैमाने पर बीड़ी भेजे जाते हैं। सितंबर से चल रहे आंदोलन की वजह से बीड़ी का कारोबार भी प्रभावित है। धनबाद से बीड़ी भेजने और गर्म कपड़े मंगवाने वाले कारोबारी तमन्ना हाशमी, पिंटू यादव और बबलू का कहना है कि गर्म कपड़े ट्रक से मंगवाने पड़ रहे हैं जिससे कई गुणा अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। इसका असर गर्म कपड़े के बाजार पर भी पड़ रहा है। कस्टमर को उनकी डिमांड के मुताबिक ट्रेंड वाले कपड़े नहीं मिल पा रहे हैं। 


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