Cyber Fraud: टेम्लेट ब्लॉकचेन तकनीक से मोबाइल पर नहीं पहुंच सकेंगे फर्जी मैसेज
कोरोना संक्रमण के कारण बीएसएनएल ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एसएमएस से केवाईसी कराने की व्यवस्था की है। एसएमएस के द्वारा आधार कार्ड व पैन कार्ड नंबर की मांग करते हैं। ओटीपी आने पर एसएमएस से भेजने का अनुरोध करते हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। मोबाइल पर फेक मैसेज भेजकर उपभोक्ताओं का खाता खाली करने से बचाने के लिए बीएसएनएल ने नई व्यवस्था की है। बीएसएनएल की ओर से इसके लिए टेम्लेट ब्लॉकचेन तकनीक अपनाई जा रही है। इसके बाद उपभोक्ता ठगी का शिकार होने से बचने लगे हैं। कई ठगी करने वाली कंपनियां ने बीएसएनएल या अन्य मोबाइल कंपनियों के मिलते-जुलते नाम से एसएमएस भेजने का सिस्टम बना रखा है। ठगी करने वाली कंपनी पहले उपभोक्ताओं को जागरूक करने वाला मैसेज भेजती है। कहा जाता है कि आनलाइन कॉल कर कोई भी कोई सूचना मांगने पर नहीं दें, अन्यथा आपके बैंक खाते से रुपये गायब हो सकते हैं। इसके साथ यह सूचना भेजते हैं कि आपके मोबाइल कनेक्शन का केवाइसी नहीं हुआ है।
कोरोना संक्रमण के कारण बीएसएनएल ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एसएमएस द्वारा केवाईसी कराने की व्यवस्था की है। एसएमएस के द्वारा आधार कार्ड व पैन कार्ड नंबर की मांग करते हैं। ओटीपी आने पर एसएमएस से भेजने का अनुरोध करते हैं। इसके बाद उपभोक्ताओं के खाते से साइबर ठगी करने वाले रुपये निकाल लेते हैं। इसे देखते हुए बीएसएनएल ने सरकार के साथ मिलकर टेम्लेट ब्लॉकचेन तकनीकी अपनाई है। इस तकनीकी के द्वारा रजिस्टर्ड कंपनी के मैसेज का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद सही पाए जाने ही मैसेज उपभोक्ता तक पहुंचेगा। व्यक्तिगत नंबर से एसएमएस भेजने वालों की कोई परेशानी नहीं होगी। सिस्टम इसकी जांच करेगा। फर्जी आइडी का कोई कनेक्शन पाया जाता है तो उपभोक्ता द्वारा भेजे गए जवाब उस नंबर पर नहीं पहुंच पाएंगे। महाप्रबंधक यूपी साह ने बताया कि इस व्यवस्था के बाद बीएसएनएल उपभोक्ता ठगने से बच जा रहे हैं।