SAIL: बोकारो स्टील प्रबंधन झारखंड को दिखा रहा राह, पहली बार प्लांट से सीधे अस्पताल में होगी ऑक्सीजन की आपूर्ति
SAIL आपदा को अवसर में बदलते हुए नवाचार के तहत बोकारो स्टील प्लांट ने बड़ा फैसला लिया है। अब सीधे बोकारो स्टील प्लांट से बोकारो जनरल अस्पताल और मानव संसाधन विकास केंद्र में बन रहे 50 बेड के नए कोरोना केयर सेंटर में सीधे गैसियस ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी।
बोकारो [ बीके पाण्डेय ]। ऑक्सीजन को लेकर देश में चल रही मारामारी के बीच स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( SAIL) की इकाई बोकारो स्टील प्लांट 9 राज्यों को युद्धस्तर पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति कर अब तक लाखों लोगों की जान बचाने का काम किया है। दूसरी तरफ कंपनी इस आपदा को अवसर में बदलते हुए नवाचार के तहत बड़ा फैसला लिया है। अब सीधे बोकारो स्टील प्लांट से बोकारो जनरल अस्पताल और मानव संसाधन विकास केंद्र में बन रहे 50 बेड के नए कोरोना केयर सेंटर में सीधे गैसियस ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी। ऐसा करने वाला बोकारो झारखंड का पहला जिला होगा जहां किसी भी इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट के ऑक्सीजन प्लांट से किसी अस्पताल को पाइपलाइन के द्वारा गैसियस ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी।
बीजीएच में पहले से माैजूद वेपोराइजर प्लांट
बोकारो में स्टील प्लांट की अपनी तकनीक है। यह प्लांट संयुक्त रसिया के सहयोग से बना है। दूरदृष्टि क्या होता है, यहां समझा जा सकता है। बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के पास अपना वेपोराइजर प्लांट भी है। यहां से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को गैस में तब्दील किया जाता है और उससे मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में भी पहले से ऑक्सीजन प्लांट नहीं है। रांची के साथ-साथ झारखंड के अन्य किसी भी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में यह सुविधा नहीं है। अब जब कोरोना का कहर जारी है तो ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात चल पड़ी है। फिलहाल अन्य बॉटलिंग प्लांट की तरह बीजीएच में संयंत्र से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भेजा जाता था। पर वर्तमान परिस्थितियों और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए बोकारो स्टील प्रबंधन ने यह बड़ा फैसला लिया है । इससे पहले कंपनी ने बोकारो जिले के सभी निजी व सरकारी अस्पताल जो कि कोरोना का इलाज कर रहे हैं। उन्हें निश्शुल्क गैस देने की घोषणा की है। कंपनी जिला प्रशासन की अनुशंसा के आधार पर इसी पाइप लाइन कि जरिए आने वाली गैस से सिलिंडर भर कर उन्हें मुफ्त में दे देगी।
साढ़े चार किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का चल रहा काम
जानकर हैरानी होगी कि कंपनी ने इसके लिए कोई बड़ी राशि खर्च नहीं किया है। बल्कि संयंत्र कें अंदर उपलब्ध संसाधनों से ही साढे चार किलोमीटर गैस पाइप लाइन बिछाने का निर्णय लिया है। यह काम तेज गति से चल रहा है। एक सप्ताह में पूरा होने की संभावना है। इसके बाद अब ना तो चिकित्सकों को मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता की चिंता रहेगी और ना ही मरीजों को ऑक्सीजन की चिंता रहेगी । विदित हो कि बोकारो स्टील प्लांट में बोकारो स्टील और सहयोगी कंपनी आइनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड मिलकर लगभग 2000 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन प्रतिदिन करते हैं । जिसमें 700 मेट्रिक टन ऑक्सीजन संयंत्र के संचालन के लिए खर्च होता है । वही 1300 मेट्रिक टन ऑक्सीजन में से कुछ हिस्सा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के रूप में परिवर्तित किया जाता है। शेष अन्य औद्योगिक इकाइयों को आईनॉक्स ईयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड उनकी जरूरतों के हिसाब से बेचता है। प्रबंधन का यह फैसला बोकारो के लिए दूरगामी परिणाम देने वाला होगा ।
गैसियस ऑक्सीजन पाइप लाइन से संबंधित खास बातें
- बोकारो इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट से कोरोना मरीजों को सीधे गैसियस ऑक्सीजन मिलेगा।
- इससे तत्काल में पांच सौ कोरेाना मारीज व लगभग इतने ही सामान्य मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन की भरपूर उपलब्धता हो सकेगी।
- 4.5 किलाेमीटर पाइप लाइन अपने संसाधन से बिछाया जा रहा है।
- यहां से निजी अस्पतालों को निश्शुल्क ऑक्सीजन भी दिया जाएगा।
- भविष्य में बोकारो स्टील शहर में इस्पात प्रबंधन व जिला स्वास्थ्य विभाग को मिलाकर एक हजार से अधिक ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध रहेंगे।
गैसियस ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन का काम चल रहा है। यह नावाचार प्रभारी निदेशक अमरेन्दू प्रकाश के निर्देश पर कंपनी के कर्मी व अधिकारियों ने किया है। इससे बोकारो के कर्मचारी के साथ बोकारो वासियों के लिए भी कोरेाना के इलाज के लिए ऑक्सीजन की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
-मणिकांत धान, प्रमुख संचार, बोकारो इस्पात संयंत्र