Industry 4: चौथी औद्योगिक क्रांति का झारखंड की धरती पर होगा आगाज, बोकारो स्टील आइआइटी हैदराबाद के साथ मिलकर करेगा काम
Industry 4 देश की अलग-अलग उत्पादन इकाइयों में लागू किए जा रहे इंडस्ट्री-04 अर्थात चौथी औद्योगिक क्रांति का मुख्य लक्ष्य भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर बेहतर बनाना है। इसके तहत आटोमेशन डाटा एक्सचेंज तथा विनिर्माण प्रौद्योगिकियों का समावेश करना है।
जागरण संवाददाता, बोकारो। आने वाले कुछ वर्षों में बोकारो स्टील में इस्पात के उत्पादन के लिए हाई टेक उपाय किए जाएंगे। बोकारो स्टील देश में चल रही चौथी औद्योगिक क्रांति का वाहक बोकारो स्टील बनने जा रहा है। इसके लिए कंपनी ने आइआइटी हैदरबाद से गुरुवार को करार किया है। करार से पहले आइआइटी हैदराबाद के अभियंताओं ने वर्चुअल मोड में पूरी परियोजना का प्रस्तुतिकरण किया है। इसके बाद एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। बोकारो स्टील की ओर से अधिशासी निदेशक अतनु भौमिक ने तो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद के निदेशक प्रो पीजे नारायणन ने हस्ताक्षर किया। मौके पर बोकारो स्टील के एस मुखोपाध्याय, बिपिन कृष्ण तथा आइआइटी के प्रो. रमेश लोगनाथन भी मौजूद रहे।
स्टील के उत्पादन में होगा नवाचार
करार के तहत बीएसएल तथा आइआइटी हैदराबाद इस्पात उत्पादन में इंडस्ट्री-चार प्रौद्योगिकियों को उत्पाद के क्षेत्र में नवाचार लाने का काम करेगा। बोकारो स्टील अतनु भौमिक ने विश्वास जताया। प्रो. लोगनाथन ने भी इंडस्ट्री-चार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व पर बल देते हुए कहा कि उत्पादकता में सुधार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अनुसंधान पर कार्य करने पर प्रसन्नता जाहिर की। विदित हो कि बुधवार को आइआइटी रुड़की को कच्चे माल के संवद्र्धन एवं उनके बेहतर प्रबंधन के लिए करार किया है।
क्या है इंडस्ट्री-04 की अवधारणा
देश की अलग-अलग उत्पादन इकाइयों में लागू किए जा रहे इंडस्ट्री-04 अर्थात चौथी औद्योगिक क्रांति का मुख्य लक्ष्य भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर बेहतर बनाना है। इसके तहत आटोमेशन, डाटा एक्सचेंज तथा विनिर्माण प्रौद्योगिकियों का समावेश करना है। बोकारो इस्पात के संदर्भ में देखे तो आने वाले कुछ वर्षों में बिना त्रुटि के गुणवत्ता युक्त इस्पात का उत्पादन, मशीनों के बेहतर रखरखाव के अलावा कच्चे माल का बेहतर प्रबंधन वह भी तकनीक के माध्यम से करना है। ताकि, कम समय, कम मानव बल, निर्धारित कच्चे माल का उपयोग कर अधिक से अधिक उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो मशीन के खराब होने से पहले सूचना, कच्चे माल की कमी होने से पहले सूचना, इस्पात की गुणवत्ता प्रभावित होने पर सूचना सहित अन्य काम होंगे। इससे कंपनी को करोड़ों का लाभ मिल सकेगा।